Home कविताएं “जीवन के विभिन्न रंगों पर कुछ छंद “|

“जीवन के विभिन्न रंगों पर कुछ छंद “|

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“जीवन में  शोर मचाने के लिए  सभी को  अनेकों अवसर मिलते हैं “,
“फिर  भी  मुस्कराने  की  कवायद  से  रूबरू  होना  बेहद  जरूरी  है ” |

[2]

“हमें सदा ‘सलाह’ नहीं चाहिए” ,” जरूरत पर हाथ थामने वालों की जरूरत है”,
“जिसके पास हमारी बात  सुनने को  ‘कान’  हों “, “हमें समझने को ‘दिल’ हो “|

[3]

खुशी’ ‘आनंद   बिखेरती है’ , ‘परीक्षा’ ‘सदा मजबूती  प्रदान  करती  है ‘,
‘दर्द’ ‘इंसान  को  इंसान  रखता  है’ , ‘असफलता ‘ ‘ हमदर्दी  लपेटे  है ‘ ,
‘सफलता’ ‘उन्नति का मेरुदंड है’,’विश्वास’ से ‘सबको अपना बनाते हैं ‘,
‘साधारण रहो’, ‘नम्र रहो’, ‘बस सभी को अपने ‘प्यार की सौगात’ दो’ |

[4]

“यदि  हम  संस्कारी  हैं ” “और सद -विचारों से  लबालब  हैं “,
“बिना माला जपे भी ” “इंसानियत के ख़िदमतगार समझो” |

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“किसी से  ज्यादा ‘अपेक्षा’ करोगे ” तो ‘उपेक्षा’ के ” शिकार  हो जाओगे “,
“हर चीज सीमा में सुरक्षित है “,” हर चीज  की  अती’ ‘बुरी  ही  होती  है” |

[6]

‘दर्द’ ‘ बढ़ते  ही  अपने  याद  आते  हैं ‘,’ ‘दर्द’ बड़ा खुशनसीब  वाला  है ‘,
‘दौलत मिलते ही अपनों को भूल जाते है’ ,’उससे बड़ा बदनसीब  कौन’ ?

[7]

“यह  मत  सोच  कि  माँ  पढी लिखी  है या अनपढ़” ,
” उसी  कि  गोद  में  पल  कर  तू  जीना  सीखा  है ” ,
“जो इंसानियत का भंडार तुझमें है”,”उसी के देन है” ,
“सर्वोच्च विद्यालय भी नत मस्तक है उसके लिए “|

[8]

“एक झूठ को साबित करने के लिए ‘ ‘अनेकों झूठों कि जरूरत होती है “,
“सत्य सदा सत्य होता है “, ” किसी सहारे कि जरूरत कभी होती नहीं ” |

[9]

ख्याल अपना अपना ;-
“अगर हम दुःखी हैं” ” तो समझो आपका सम्बंध परमात्मा  से  टूट गया  है “,
“हम जब तक परमात्मा और प्रकृति से जुड़े हैं”,”स्वस्थ और प्रसन्न रहते हैं “|

 

 

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