{1}
“तुम्हारी याद आते ही आँखों में चमक आए” , “;ऐसा करम करो” ,
“तुम्हारे ख्याल से भ्रकुटि तन जाए “,” वह जीवन किस काम का ” ?
{2}
‘ संस्कारी प्राणी में ” ‘ बड़प्पन का गुण ” स्वम समा जाता है ‘,
‘दूसरों को अपना बनाने की क्रिया ‘,’बाएँ हाथ का खेल है उसका’ |
{3}
बोलना ” ऐसी “कला” है जो “मित्र ” भी बनाती है,”शत्रु ” भी बनाती है ,
“कठोर – शब्द ” यदि ” मिठास सहित ” है ,तो” सुप्रभात ” ले आते हैं ,
“मीठे शब्द” “कड़ुवाहट” से “कहे गए” हैं ,तो “विपरीत प्रभाव” डालते हैं,
“दोस्तों” – “बोलने की कला ” मे ” पारंगत ” बनो , “दुनियाँ “तुम्हारी है |
{4}
‘प्रेम’ और ‘ आस्था ‘ ” किसी भी चीज के मोहताज नहीं होते” ,
“दोनों प्रकाश-स्तम्भ हैं” ,”जिसमें हो गया, बस हो गया समझो” |
{5}
“पिंजरे में बंद पक्षी को कौन पूछता है “,”आरजू-आरजू रहती है सदा” ,
“आज़ाद पक्षी बन हर मुडेर पर बैठ” , |”मौज मस्ती का जीवन बिता ” |
{6}
” जिस दिन तुम अपनों के दर्द को पहचानने लग जाओगे “,
“उनके काम आने लगोगे’,’जीवन जीने का अंदाज़ बदल जाएगा “|
{7}
” मुहब्बत एक मीठा जहर सरीखा है ” ,” उसे सभी पीते हैं ” ,
“कोई जान से ज्यादा प्यार करे”, “तो कोई क्या करे उसका ” ?