[1]
‘मैं कुछ कह नहीं पाती’ ,
‘उन्हें महफिलों से फुर्सत नहीं’,
‘मेरी तन्हाई मेरी जवानी को’,
‘उजाड़ कर रख देगी इक दिन ‘|
[2]
‘जितना कठिन संघर्ष करोगे’ ,
‘परिणाम उतना ही आनंदमयी होगा’,
‘कर्म से बचाने का प्रयास तुझे ‘,
‘किसी काम का नहीं छोड़ेगा ‘|
[3]
‘सुंदर शब्दों का प्रयोग’ सबको बांधे रखता है ‘,
‘चेहरा सभी भूल जाते हैं ‘,’शब्द भूले नहीं जाते कभी ‘|
[4]
‘जब तक माँ-बाप जिंदा हैं ‘,
‘जन्नत का मज़ा है ‘,
‘उनकी छाया खतम तो’ ,
‘तेरी जन्नत भी खतम ‘|
[5]
‘वे सदा द्वेष में जीते रहे ‘,
‘तुम्हीं स्नेह दिखा देते ‘,
‘न वे झुके न हम झुके’,
‘अपनापन नहीं आया ‘|
[6]
‘उलझनों से पार पाने का रास्ता’ ,
‘कोई तो बताए हमें ‘ ‘
‘मुस्कराने को ‘जी’ चाहता है’,
‘उदासी जा ती ही नहीं ‘|
[7]
‘यदि मन पवित्र बना रहे तो’,
‘पावन तीरथ’ समझ खुद को ‘,
‘गर कुविचारों से भरा है मन तो ‘,
‘चौरासी योनियों में ही भटकेगा ‘|
[8]
‘अगर हम झुक गए तो बुज़दिल मत समझो हमें’,
‘रिस्ते’ सही सलामत बनाए रखने का ,’हुनर है जनाब ये ‘|
[9]
‘इत्र’ माहौल को महकाए बिना रुकता नहीं ‘,
‘मित्र’ मित्र को खुशनुमा देखे बिना सोता नहीं ‘|
[10]
‘ चिकनी- चुपड़ी बातें ” फ़ितरतों का खजाना हैं ‘,
‘मीठेपन का लेप ‘ कौन जाने’ ,’कब क्या कर बैठे हुज़ूर ‘?