Home ज़रा सोचो जीवन के कुछ अंश बहुत प्यारे हैं , जरा समझें “

जीवन के कुछ अंश बहुत प्यारे हैं , जरा समझें “

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[1]

‘हंसना  रुलाना, खुशी  गम, मीठे  कड़वे  अनुभवों  का  खजाना  है  जिंदगी,
‘ जिंदगी  खुश  रह  कर  ही  जियो ‘ ‘ सबके  कर्मों  का  हिसाब  है  जिंदगी ‘ !

[2]

‘गुणवान  व्यक्ति, सामान्य  व्यक्ति  को  अपने  रंग  में  ढाल  लेता  है’
‘ व्यभिचारी  की  संगत  कदापि  उचित  नहीं ‘  ‘ बच  कर  चले’ !

[3]

‘अपने  दुख’ और ‘दूसरों  के  सुख’ देख कर  परेशान  मत  रहो’
‘ समभाव  की  भावना’ तेरा  जीना’ बहुत  आसान  कर  देगी’ !

[4]

‘बदला  मत  लो,  खुद  में  बदलाव  लाओ ,  दिल  विशाल  रखो’
‘समाधान  करने  की  क्षमता  उन्नत  करो, ‘आनंद  में  जियो’ !

[5]

‘मरने  पर  आओगे , भला  आदमी  कहोगे ,  गलती  क्षमा  करोगे , कद्र  करोगे ,
‘जीते  जी  मिल  जाते, कहना  था  कह  जाते, क्षमा  कर  देते, ‘इंतजार  किसलिए’ ?

[6]

‘फिक्र  करके  जिंदगी  तबाह  करना, ‘कहां  का  उसूल  है, ?
‘दुखों  से  घबरा  कर  शायद  सोना  भी  भूल  गए  हो ‘ !

[7]

‘जीवन  में  फिक्र  आते  ही  हैं ,  फिर  भी  आराम  से  जियो ,
‘कौतूहल  भरा  जीवन  नहीं  होता ,’ समझ  से  काम  लो ‘ !

[8]

‘स्त्री  को  फुर्सत  में  बनाया  होगा ,
‘ फुर्सत  देना  भूल  गया  दाता ,
‘कोल्हू  के  बैल  की  तरह  काम  करती  है,
‘ आराम  नाम  की  चीज  नहीं’ !

[9]

‘आनंद  में  हूं’ और  ‘म जे  में  हूं’ की  व्याख्या  बिल्कुल  अलग  है,
‘ आनंद ‘  हेतु  ‘ परिवार  और  मित्र’  चाहिए  ‘मजे’  हेतु  ‘दौलत’ !

[10]

‘ना  किसी  से  अपेक्षा  करो’ ‘ना  उपेक्षा  करो’ ‘शांत  रह कर  जिओ’,
‘यह  दोनों  अशांति  की  ऊर्जा  है ,’जीवन  जीना  दुष्कर  हो  जाएगा’ !

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