[1]
” प्रसन्नचित्त , हंसमुख रहने वाले का शरीर व स्वास्थ्य सही रहता है ” ,
“भावुक,क्रोधी एवं तनावग्रस्त व्यक्ति का”” स्वास्थ्य अक्सर बिगड़ जाता है” ,
“मनोभाव” “हमारे स्वास्थ्य और शारीरिक क्रियाओं की दशा बदल देते है” ,
“बोर होना”,”तनाव या अवसाद” व “क्रोध”,”सबकुछ गड़बड़ कर डालता है” |
[2]
” ज्यादा बोर होने से जीवन शुष्क होता है ” ,” चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है ” ,
“आँखों की चमक’ व ‘चंचलता’ ‘खत्म हो जाती है” ,”अरुचि सवार हो जाती है” ,
“हर परिस्थिति” ,’ काम’ एवं ” बात का” “आनंद उठाईए”,”अजी बस मुस्कराइए ” ,
“मुस्कराता चेहरा” “सभी के आकर्षण का केंद्र होता है” “,बरकरार रखिए उसे “|
[3]
” प्रत्येक सुबह को अपना पुनर्जन्म का काल मानो “,
” बीते दिनों के बुरे छणों को ” ” तिलांजली देते चलो ” ,
“अपने वर्तमान को’ ” बेहद रोमांचक लय में बिताओ “,
“निश्चित रूप से””जीवन खुशनुमा माहोल में जी जाओगे” |
[4]
” चिंताग्रस्त और दुःखपूर्ण जीवन ” ” केवल अंधकार में ही धकेलता है ” ,
” बहता पानी कभी नहीं सड़ता”,”तू भी अपना जीवन गतिमान बनाए रख” ,
” अगर जीवन में प्रेम”,’आकर्षण व आशा’ ‘ निकल गयी’,”फिर क्या बचा” ?
” हम दुःखों का समाधान नहीं खोजते “, ” इसिलिए सुखों का अभाव है ” |
[5]
” ख़्वाहिशों का अंत नहीं होता “,” इन्हें घटाते चले जाइए” ,
“न हैरान हों न परेशान हों” ,’हर जिन्स मुस्कराना चाहिए” ,
“सामने वाला कुछ भी कहे “,”बरगलाना, बौखलाना छोड़ दो” ,
“मन अगर फुर्सत में हो तो”,”खुद को जानने की कोशिश करो” |
[6]
“बदकिस्मती के ताले पर ” “कर्म की चाबी लगा” , “खुल जाएगा ” ,
“हर पकी डाल तेरे हाथ में आये”,” ऐसा कभी हो ही नहीं सकता “|
[7]
“हमेशा खुश रहने के लिए” “अपनी अच्छी यादों को सहेज कर रक्खें” ,
“बुरे को भूल कर सदा अच्छी बातों को” ” याद करने की कोशिश करो” ,
“भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी को” “परेशानियों से दो-चार होना होता है “,
“खुशियाँ सदा बांटने से बढ़ती हैं ” “और दुःख बांटने से सदा घटता है” |
[8]
“अपने आसपास नज़र दौड़ाये “,”अनेक लोग नकारात्मक जाल में फंसे होंगे” ,
“हर तरह की सुविधा के बावजूद “,” उनके चेहरे पर मायूसी नज़र आएगी” ,
“कमजोर सोच के कारण वो” ” अच्छी बातों पर भी खुश नहीं हो पाते हैं “,
“ऐसे जमावड़े से उचित दूरी बना कर जीना “,” विफल नहीं होने देगा कभी” |
[9]
“जीवन में दुःख आयें या सुख आयें” ,” इससे कुछ लेना -देना नहीं किसी का “,
“जीवन सीधा है” ” जिस पात्र में रक्खोगे “”उसका स्वरूप वैसा ही बन जाएगा “|
[10]
“जीवन को आनंद में’ ,’ ऐश्वर्य में’ , ‘सफलता में ‘,’ संगीत रूप में जीयेँ ‘,
‘निराशा’ , ‘असफलता’ ,’ विपत्ति ‘ के ‘ रूप में जिओगे’ तो ‘आंसूँ बहाओगे ‘ |