
‘जिस प्रकार कमल’ – ‘कीचड़ मे होते हुए भी’ ‘ न्यारा होता है’ ,
‘ज्ञानी ग्रहस्थी’ –‘जिम्मेदारियाँ निभाते हुए’ ‘महामाया मे नहीं फँसता’ |
‘जिस प्रकार कमल’ – ‘कीचड़ मे होते हुए भी’ ‘ न्यारा होता है’ ,
‘ज्ञानी ग्रहस्थी’ –‘जिम्मेदारियाँ निभाते हुए’ ‘महामाया मे नहीं फँसता’ |
‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…
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