Home कोट्स Motivational Quotes ‘जिंदगी’ दांव पर लगा कर ‘नशे की लाइन’ में खड़ा हो गया , अब ‘नशा’-‘जिंदगी’ से बड़ा हो गया |

‘जिंदगी’ दांव पर लगा कर ‘नशे की लाइन’ में खड़ा हो गया , अब ‘नशा’-‘जिंदगी’ से बड़ा हो गया |

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जरा सोचो
‘भाग्य’  नहीं  सही  ‘उद्देश्य’  की  अग्रसरता  ‘कामयाबी’  दिलाती  है !
‘अच्छी  आदतें’ और ‘ईमानदार  कोशिश’  ‘प्रतिभा’  को उभार  देती  हैं !

[2]

जरा सोचो
‘बुद्धिमान प्राणी’ छोटी  सी  ‘मदद  का  आभार’ प्रकट  करने  में  ‘कंजूसी’ नहीं  करते,
वो  ‘ घृणा , गुस्सा ,  और  घबराहट ‘  को  ‘ सकारात्मक  ऊर्जा ‘  में  बदल  देते  हैं  !

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जरा सोचो
‘ भगवान ‘  खुशी  का  ‘ एक  द्वार ‘ बंद  करता  है  तो  ‘ दूसरा ‘  खोल  देता  है,
हम  अक्सर  ‘बंद  दरवाजा’ टकटकाते  हैं, ‘खुले  की  ओर’ झांकते  तक  नहीं !

[4]

जरा सोचो
लोग  ‘ मीठा ‘  खूब  खाते  हैं  फिर  भी ‘ जबान ‘  कितनी  ‘ कड़वी ‘,
‘मधुरता’ का  अंत  नहीं  है  फिर  भी, ‘कोयल’ सरीखे  ‘मीठे’ नहीं  मिलते !

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जरा सोचो
                                                  सहिष्णुता  का  अभ्यास ,  उत्तरदायित्व  की  समझ ,  वाणी  पर  नियंत्रण ,                                                   अपने  दोषों  का  अन्वेषण, नम्रता, साधुता, सरलता, आपको  श्रेष्ठ  कर  देंगे !

[6]

जरा सोचो
इंसान ‘बेरुखी  के  पैबंद’ लगाकर  घूमता  है  आजकल  फिर  भी,
‘ चांदनी  के  चांद ‘  को  चपेटने  का  ‘ चस्का ‘  कम  नहीं  होता  !

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जरा सोचो
‘जिंदगी’  दांव  पर  लगा  कर, ‘नशे  की  लाइन’  में  खड़ा  हो  गया,
अब  ‘नशा’- ‘जिंदगी’ से  बड़ा  हो  गया, देश  के ‘हालात’ बदतर  हैं !

[8]

जरा सोचो
‘कृष्ण’  की  शादी  ‘रुकमणी’  से  हुई, उनकी  ‘चाहत’  ‘राधा’  ही  थी,
‘विधाता  का  विधान’  अटल  निकला , ‘ सत्य ‘  को  स्वीकारिये  !

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जरा सोचो
‘खलनायक’ सदा ‘शराफत  का  तमगा’ लगाकर ‘मैदान’ में  उतरते  हैं,
उनका  ‘ उल्लू ‘  जिस  करवट  बैठता  है ,  उधर  ही  ‘ घूम ‘  जाते  हैं !

[10]

जरा सोचो
हमारा ‘मन’ और ‘तन’ व्यवहारिक  ओर  सुविचारक  है, खुद  को  सुसंस्कृत  समझो,
हर  ‘ समस्या ‘ ‘ बोनी ‘  पड  जाएगी ,  समाज  के  ‘ लाडले ‘  बन  जाओगे  !

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