Home कविताएं ‘जागते रहिए और सभी को जगाते रहिए ‘|

‘जागते रहिए और सभी को जगाते रहिए ‘|

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[1]

‘सदा  जाग्रत  रहे  तो  सुख  झोली  में  डलता  जाएगा ‘,
‘निढाल’ हो कर पड़े रहे तो ,’मिला हुआ भी उड जाएगा ‘|

[2]

‘आशा  की  किरण  तभी  दिखेगी’ ,
‘जब  कुछ  कर  के  दिखाओगे ‘,
‘अंधकार’  से  लड़ने  हेतु’ ,
‘संघर्ष  और  साहस’ दोनों  की  जरूरत  है’|

[3]

‘सुंदर  स्वभाव’  के  मालिक  की  ‘सुंदरता की कमी’ ढक जाती है ‘,
‘घटिया स्वभाव के मालिक का स्वरूप’ ,’रसातल में धंसा देता है ‘|

[4]

‘सारी  समस्याएं  आपकी  नहीं  हैं’ ,
‘फिर  गुमसुम  किसलिए ‘?
‘मुस्कराने  में  कुछ  खर्चा  नहीं’ ,
‘फिर  भी  कोशिश  नहीं  करते ‘|

[5]

‘याद  रखिए ‘तनाव’ आपके व्यवहार  से  उत्पन्न  होता  है’,
‘व्यवहार’ सुधारें’,’तनाव’ देखते-देखते ‘उड़नछू  हो जाएगा ‘|

[6]

मेरा विचार 
“हमे ‘सलाह ‘  की  हर  समय  जरूरत  नहीं  है |  कई  बार  हमें  रोकने  की  ,  सुनने  की   और  दिल  से  समझने  की  जरूरत  है “|

[7]

” मेरा  विचार “
” प्रातः  उठते  ही  अकारण  मुस्कराने  की  ,  10  लंबे- लंबे  सांस  लेने  की ,  पिछली  गल्तियों  को  भूल  जाने  की ,                                                             आज  करने  वाले  कार्यों  का  ध्यान  करने  की  ,  सूर्य  नमस्कार  और  बुजुर्गों  के  आशीष  की  जरूरत  है ” |

[8]

‘यदि आप खुश नहीं हैं तो’ ‘सारी कायनात की दौलत भी कुछ नहीं ‘,
‘उल्झनों  का  ये  ही  फंडा  है, ‘ लोग  खुश  हो  कर  नहीं  जीते ‘|

[9]

‘सदा   पूरी   तैयारी   के  साथ ‘ ‘ जीने  में  ही  भलाई  है ‘,
‘न  जाने  कब  मौषम  बदल  जाए’,’कब  इंसान  बदल  जाए ‘|

[10]

‘जब  आप  नीचे  गिरें  तो  इसे, 
‘अपनी  हार  मत  समझिए ‘,
‘हार  तभी  मानें  जब  आप  गिर  कर, 
‘उठने  की  कोशिश  ही  न  करें ‘|

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