Home कोट्स Motivational Quotes ‘जाँबाज’ को ‘बैसाखी’ की जरूरत नहीं’ ,’ मन के ‘जीते’ जीत है मन के’ हारे’ हार ‘ |

‘जाँबाज’ को ‘बैसाखी’ की जरूरत नहीं’ ,’ मन के ‘जीते’ जीत है मन के’ हारे’ हार ‘ |

2 second read
0
0
468

[1]

जरा सोचो
जीवन में ‘इम्तिहान’ तो अनेकों आएंगे, कब तक ‘गिला’ करोगे ?
‘खुश’  रहने  के ‘बहाने’  भी अनेकों  हैं, तुम  ‘छांट  लो’  कुछ  भी ‘ !

[2]

जरा सोचो
‘फितरत’ ‘रुलाने’ की अधिक, ‘हंसाने’ की कम मिलती है, आजकल

‘आबोहवा’  में  अनदेखा ‘जहर’  घुला  लगता  है, कृपा  करना  प्रभु !

[3]

जरा सोचो
‘जांबाज’ को कभी ‘बैसाखी’ की  जरूरत  नहीं  होती,
‘मन के हारे हार, मन के जीते जीत’, ही ‘अचूक’ है’ !

[4]

जरा सोचो
‘ हम’ आपस  में ‘अजनबी’  हैं, कोई ‘खास बात’  नहीं  है,
जब ‘अपने’ ही ‘अजनबी’ बने रहें तो ‘दर्द की तस्वीर’ है !

[5]

जरा सोचो
अपनी  ‘क्षमताओं’  पर  ‘विश्वास’  कर,  उनकी  ‘कद्र’  करना  ‘सीख’,
जो तुम्हारे पास ‘नहीं है’ ‘उसकी तलाश’ में जीवन गंवाना ‘उचित’ नहीं !

[6]

जरा सोचो
‘ निष्ठा’  और  ‘दृढ़  संकल्प’  हेतु  ‘बुद्धि’  तैयार  रखनी  चाहिए,
‘कार्यों’ के संपादन में ‘सतर्कता’ ‘बुद्धि का दास’ नहीं बनने देती’ !

[7]

जरा सोचो
‘अपनों’ के बगैर ‘उम्र’ गुजार दी, समझ लो ‘हकीकत’ में ‘सिर्फ’ गुजार दी,
जो ‘अपनों’ के  साथ ‘हंस-बोल’  कर  विताई, उसी  का  नाम  ‘जीवन’  है !

[8]

जरा सोचो
‘गुस्सा’- ‘शब्द  और  आंखों’  से ‘प्रक’ट  होता  है,’ चिंता ‘  ह्रदय  से,

अत: ‘निर्मलता,नम्रता और शालीनता’, का ‘प्रदर्शन’ बेहद जरूरी है’ !

[9]

जरा सोचो
‘ नियत’- ‘आदमी की खराब’ और ‘घुंघट’- ‘औरतें निकालें’ गजब तमाशा है ,
देश में इस ‘रिवाज’  को ‘पलट’ डालो’ नियत’ मेहरबान  हो जाएगी सब  पर’ !
[10]
जरा सोचो
‘सुख  में  चिपके , दुख  में  भागे , अब  इतना  ‘फसाना’ आदमी  का  है,
‘शर्मसारी’ से बचना है तो, ‘खुद को सुधार’ कर बस ‘कर्मकार’ बन जाओ’ !
 
 
Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In Motivational Quotes

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…