[1]
“दूर रहें या पास “, “दोस्त दिल से मुहब्बत करते है सभी” ,
“चोट कितनी गहरी हो”,”सांत्वना का मरहम फौरन लगाते हैं ” ,
“बेवफाई का कलमा पढ़ते” ” आजतक देखा नहीं किसी को” ,
” दोस्त की सलामत की दुआएं करते थकते नहीं कभी ” |
[2]
“माँ-बाप के पास बैठने के अनुपम फायदे”:-:-
{1}” बच्चे सदा छोटे बने रहेंगे “, ” बड़प्पन नहीं घेरेगा उन्हें ” |
{2}” माँ-बाप कभी बूढ़े नहीं होंगे “,” बच्चे उन्हें जवान बनाए रक्खेंगे “|
[3]
मंदिर में :-
” भगवान से मिलने कोई नहीं जाता “,”सभी मांगते नज़र आते है ” ,
“प्रभु इतने दयालू हैं”,” हर किसी को कुछ न कुछ देते जरूर हैं ” |
[4]
” खुशी ऊपर से नज़र आती है ” ,” दिल में उदासी छाई है ” ,
” या तो अपनों से ठगा गया ” यो ” सपने टूट गए शायद “,
“आओ सब कुछ भूल कर ” ” मस्त हो कर खुशी मनाते है “,
“साँसों का सफर निश्चित है”,”धर्मराज एक पल अधिक नहीं देता” |
[5]
“जो अँधेरों से लड़ गया” ,” रोशनी उसी के घर पर आती है” ,
“वही संसार को बदलता है”, “मेरा कोटि-कोटि नमन उसको ” |
[6]
‘ सजग ‘ रहना जीवन की जरूरत है “:-
“सदा सभी सजग रहें “,” इसका अभ्यास हमें बुराइयों से बचाता है” ,
“हम अपने कामकाज’ , ‘व्यवहार में’, ‘ धन,शक्ति , समय खर्च करते हैं” ,
“ऐसा करके आत्म- शांति’ ,’लोक-कल्याण’,’पारिवारिक स्म्रद्धि बढाते है ‘
“सजगता’ – ‘हमें मानसिक प्रसन्नता’, ‘उत्साह’ , ‘संतोष से सजाती है “ |
[7]
“आपस में विचार- विमर्श के बाद लिया फैसला खुशनुमा होता है “,
“सही समय पर फैसला न लेने का परिणाम’ “दुखदायी निकलता है “|
[8]
“आशाओं के बोझ तले मत दबो “,” अपना लक्ष्य खुद निर्धारित करो “,
“खुद से स्पर्धा करो “,” हर बार ज्यादा बेहतर करो “,”तुम्हें कौन रोकेगा ” ?
“संतोष हेतु’ – ” किसी और से अपेक्षा से ‘, “आंतरिक संतोष बेहतर है “,
“समर्पण और प्रतिबद्धता” से’ आगे बढ़ो’, “मन चाहा ही मिल जाएगा ” |