[1]
‘अपनी कामयाबी को खूब बढ़ा कर बयान करना शुरू कर दो ‘,
‘तुझे नीचा दिखाने के लिए’,’अनेकों दुश्मन खड़े हो जाएंगे तेरे’ |
[2]
‘तू दिल का अमीर है , सबकी सेवा को तत्पर रहता है ‘,
‘ करोड़ों के स्वामी भी झुक जाएंगे तेरे लिए ‘ |
[3]
‘ आगे बढ़ने वाला इंसान रुकता नहीं , तरक्की कर ही जाता है ‘,
जो खुराफाती है हर जगह टाग अड़ाता है , तरक्की कर नहीं सकता’ |
[4]
‘ खुद पर भरोसा करने का हुनर लाजबाब है ‘,
‘सीख लोगे तो कुछ जीने लायक बन जाओगे ‘,
‘कोई कितना भी भरोसेमंद हो’,’कुछ भी दिलासा दे’ ,
‘एक दिन साथ छोड़ जाता है’, ‘विधि का विधान है’ |
[5]
‘खुद पर भरोसा नहीं – ओरों पर जान छिड़कते हो’, ‘अजब दास्तां है तेरी’ ,
‘खुद तो जीना सीख लो’,’कुर्बान होने का जज़्बा ”उसके बाद आज़मा लेना’ |
[6]
‘जो भी तुझे प्राप्त है वह ‘पूर्ण पर्याप्त’ क्यों नहीं मानते ‘,
‘संतोष-धन’ का वजूद तो समझो ,सुख बेहिसाब है उसमें “|
[7]
मित्रता :-
“‘सबसे मित्रता बनी रहे ‘,’ बैर के पैर न जम पाएँ कभी ‘,
‘सभी मित्र अनमोल है’,’भावनाओं का आदान-प्रदान होता रहे’ ,
‘संकट में हनुमान बन कर’ ‘आपस में रक्षक बने रहें सारे’ ,
‘भाई – चारा और एकता के सूत्रधार ‘ ‘ नज़र आयें सभी ‘ |
[8]
‘रिस्ते-अहसानों के नहीं,अहसासों के मोहताज होते हैं ‘,
‘सच्चे मित्र वो हैं , वादा नहीं करते , निभाते जरूर हैं ‘|
[9]
‘जब तक पंख नहीं फैलाओगे’ ‘कैसे जान पाओगे – कितना दौड़ सकते हो’ ?
‘खुद को समझना काफी नहीं’ ,’ ऊर्जावान कैसे बनें’ ‘ यह जानना जरूरी है ‘|
[10]
‘जो लोग अपनों के लिए जीते हैं’ ‘अपने लिए नहीं ‘,
‘खुद से दुश्मनी निभाते हैं ‘,’ओरों पर जाँ निसार है ‘,
‘ऐसे मुक़द्दस ‘ ‘ जहां में बड़ी मुस्किल से मिलते हैं ‘ ,
‘ए खुदा’ !’ ऐसे जिंदादिलों को बख्श दे अपनी अदा ‘|
[11]
‘जिंदगी में शिकवे -शिकायत का डब्बा’ ‘ सभी के साथ होता है ‘,
‘समझोते की नियत बना’,’जो कुछ तुम्हारे पास है’,प्रभु का प्रसाद है’ |