[1]
“जिस्म सवारने से क्या होगा” ,” एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा” ,
“संवारना है तो अपनी आत्मा को सुधारो”, “प्रभु के घर उसको ही जाना है “|
[2]
“मंदिर में प्रवेश मुफ्त है ” “फिर भी वहाँ मन नहीं लगता” ,
“क्लब में दौलत लगती है” ,” भाग-भाग कर जाते हैं सभी “,
“बड़े बेशुकरे हैं लोग “, “सही राह पकड़ने में भी हिचकिचाते हैं “,
“बेहियाई का दामन पकड़ कर ,” ” रास्ते में डगमगाते हैं ” |
[3]
” कभी खुद के लिए तो कभी अपनों के लिए मुस्कराइए” ,” बस मुस्कराइए “,
“आनंद के छण खुद नहीं आते “,” छणों को पकड़ने मे हिमारत होनी चाहिए ” |
[4]
” तू ख़्वाहिशों का पुलिंदा है “,” उम्मीदों से घायल है “,
“गलतफहमी में जीता है”,”मरहम कभी नहीं होता तुझ पर” ,
“खुशियाँ बिकती नहीं देखी कभी”,”गमों से घिरा रहता है” ,
” कहीं और बसेरा बना ले ” ” वो परिंदा भी नहीं है तू ” |
[5]
” जब कोई मीठी बातें करके गुदगुदी मचाता है “,
“ऐसा लगता है” “उसने खून-दान कर दिया मुझको” |
[6]
मित्रता :-
” मित्रता , जीवन के सात रंगों से सजी रहती है — ‘ अहसास ‘, ‘ प्यार ‘,
“उदासी ‘, ‘ खुशियाँ ‘ , ‘ सच्चाई ” , ” विश्वास ” और ” आपसी सम्मान ” |