Home सुविचार ‘जब जख्म गहरा हो ‘, ‘आंसूँ बहाना भूल जाते हैं ‘ |

‘जब जख्म गहरा हो ‘, ‘आंसूँ बहाना भूल जाते हैं ‘ |

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‘गहरी   नदी    सदा   बिना   कलकल   किए ‘ , ‘अविरल  बहती  है ‘ ,

‘जब   किसी   का   दर्द   गहरा   हो ‘,  ‘आंसूँ   बहाना   भूल  जाते  है ‘  |

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