[1]
‘आपसी छमताओं का सम्मान”आपसी मतभेदों का सम्मान ‘
‘दोनों में गहरा संबंध है बस जरा’ ‘ध्यान देने की जरूरत है ‘|
[2]
‘तुम ‘बहारे जहां’ हो हमारे लिए’,
‘मस्त हो जाते हैं हम’,
‘खारों के रास्ते बंद होने दो’ ,
‘जीने दो हमें ‘|
[3]
‘भरी महफिल में भी मन से’,
‘मै अकेला था ‘
‘उस बड़ी हुंकार में भी’ ,
‘आँसू ढलक पड़े ‘|
[4]
‘सही है – बेबसी में जिंदगी बेदम,
टीस भरी ,रुआसी लगती है ‘,
‘उलझनों में भी गुलाब बनने की
कोशिश तो कर’,’महक बढ़ जाएगी ‘|
[5]
‘देश हित के कानून पर भी विरोध , धन्य है देश भक्ति तेरी ‘,
‘आधी संसद धोखा दे रही है ,देश में गद्दारों का जमघट है ‘,
‘देश तो माँ सरीखा है उससे भी धोखा ,विश्वास का कत्ल है ‘,
‘जनाधार ने जन हित में बैठाया था , उसे ही निगलने लगे ‘|
[6]
‘हर झूठ पर वाह -वाह करने वाले’,
‘बर्बाद कर देंगे तुझे ‘,
‘सच को सच बताने वाले को ही’ ,
‘हम-सफर बना अपना ‘|
[7]
‘सुकर्मी को कभी अपना परिचय देने की जरूरत नहीं होती’ ,
‘सम्पर्क में रहने वाले सभी लाभार्थी रहते हैं’ ‘चाहे जब आज़मा लेना’ |
[8]
‘अगर कोई तुमसे घ्रणा करे तो’ ,
‘बुरा मत मानिए जनाब ‘,
वो खुद को तुमसे अच्छा नहीं समझता’ ,
‘तभी ये बीज बोता है ‘|
[9]
‘सपने’ बड़े जालिम हैं ‘,
‘किसी को सोने ही नहीं देते ‘,
‘जो हमें ‘अपना’ समझते हैं ‘,
‘कभी ‘रोने’ नहीं देते ‘|
[10]
‘एक रास्ता बन्द होता है तो ,
‘दस और भी खुल जाते हैं ‘,
‘उड़ान भरने की हिम्मत जूटा’ ,
‘फल सहित पेड़ भी मिल जाएगा ‘|