Home कविताएं छुटपुट सी बातें बड़ा महत्वपूर्ण होती हैं , जरा सोचें

छुटपुट सी बातें बड़ा महत्वपूर्ण होती हैं , जरा सोचें

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[1]

‘कभी वो सताती है कभी मैं सताता हूँ’,
‘मस्त हो कर जी रहे है हम’,
‘रूठे को मनाने का हुनर हमारे पास है’
फिर अकड्खा बनकर किसलिए जीना’|

[2]

‘माँ हमें दुनियाँ में लायी’ ,
‘पत्नी -दुनियाँ छोड़ कर आयी ‘,
‘दोनों स्नेह-सागर हैं ‘,
‘समान सम्मान के अधिकारी हैं दोनों ‘|

[3]

‘बेपरवाह  अंदाज़  की  बचपन  की  तस्वीर हाथ लग गयी ;,
‘हम भी लाजवाब थे ,’अब यह अंदाज़ हुआ है ‘|

[4]

‘सफल  जीवन  सन्तुष्ट  भी  हो ‘,
‘यह  कह  नहीं  सकते ‘,
‘संतुष्टि’  मन  का  शबाब  है ‘,
‘सफलता  का  आंकलन’  दूसरों  के  हाथ ‘|

[5]

‘अपनों  में  गैर  तो  गैरों  में  अपने  खूब  मिलते  हैं ‘,
‘हमारे अहसास  बिना अहसास  कराये  रुकते  नहीं ‘,
‘ये  दुनियाँ  के  रंग  हैं , बुरा मानने से  क्या होगा ‘,
‘बस स्नेह के बीज बोते रहो ,’वो’ सब  देख  रहा है ‘|

[6]

बुजुर्ग  स्नेह  के  सागर  हैं  !
‘इश्क  के  सौदाई  कभी  झुर्रियां  देखा  नहीं  करते’ , 
‘उसे  परवान  चढ़ाये  जाते  हैं  थकते  नहीं  कभी’ |

[7]

‘दिल  की  गहराई  में  कोई  उतरता  ही  नहीं ‘,
‘क्या  इत्तिफ़ाक  है ‘?
‘सभी  दिलदार  हैं ‘,’सभी  के  दिल  में, 
‘कोई  न  कोई  बसता  है ‘|

[8]

‘परिवर्तन  संसार  का  निर्विवादित  सत्य  है,
‘सदा  से  होता  आया  है ‘,
‘बदलाव  के  माहौल  का  स्वागत  करो’ ,
‘कट  कर  जी  नहीं  सकता  कोई ‘|

[9]

‘सुकर्म  करके  जो  भी  मिले’ ,
‘संतोष  होना  चाहिए ‘,
‘सबको  सब  कुछ  नहीं  मिलता ‘,
‘ये  ही  हकीकत  है ‘|

[10]

नव  रात्रे  हैं ,उदासियों  को  तिलांजलि  दे  दो’, 
‘अब सदा  मुस्कराहट  की खुशबू फैलाते रहो’ ,
‘पिछले दौर में किसने क्या किया,भूल जाओ’,
‘सबसे  हंस  कर  ही  मिलो , आईना  बनो ‘ |

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