धर्म का मूल संदेश है , जैसा करोगे वैसा ही भरोगे ,
दूसरों के लिए कांटे बिछाओगे , गद्दे कहाँ मिल पाएंगे ,
जीवन मे छणिक सुख है , सिर्फ दुख अधिक दीखता है ,
छणिक सुख हेतु इतने दुःख ‘ क्यों भोगता है’ ,’ये तो बता’ |
धर्म का मूल संदेश है , जैसा करोगे वैसा ही भरोगे ,
दूसरों के लिए कांटे बिछाओगे , गद्दे कहाँ मिल पाएंगे ,
जीवन मे छणिक सुख है , सिर्फ दुख अधिक दीखता है ,
छणिक सुख हेतु इतने दुःख ‘ क्यों भोगता है’ ,’ये तो बता’ |
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