[1]
जरा सोचो
‘सामने वाला ‘गलत’ नहीं, सिर्फ इस ‘बदलाव’ की जरूरत है,
‘वह ‘नई सोच’ रखता है, यह बात ‘रिश्ते’ बिखरने नहीं देगी’ !
[2]
जरा सोचो
एक- जब ‘किस्मत’ लिखी हुई है, फिर ‘ ‘कोशिश’ किसलिए करना ?
दूसरा – क्या पता ”कोशिश’ करने में ही ‘ किस्मत का द्वार’ खुलता हो’ !
[3]
जरा सोचो
‘स्नेह , रिश्ते , दोस्ती , हर जगह मिल जाएंगे,
‘ वह ‘ठहरते’ वहीं पर है ,’जहां ‘सम्मान’ मिलता हो’ !
‘स्नेह , रिश्ते , दोस्ती , हर जगह मिल जाएंगे,
‘ वह ‘ठहरते’ वहीं पर है ,’जहां ‘सम्मान’ मिलता हो’ !
[4]
जरा सोचो
‘आपसे ‘दोस्ती’ की है, ‘दिल का दरवाजा’ खोल कर रखना,
‘स्नेह की बूंदें’ जरूर टपकेगी, ‘संभाल’ कर रखने की जरूरत है’ !
‘आपसे ‘दोस्ती’ की है, ‘दिल का दरवाजा’ खोल कर रखना,
‘स्नेह की बूंदें’ जरूर टपकेगी, ‘संभाल’ कर रखने की जरूरत है’ !
[5]
जरा सोचो
‘किसी की बात’ इतना ‘दर्द’ नहीं देती, जितना ‘लहजा’ दे जाता है,
‘ खुदा करे हर किसी की ‘बात का लहजा’ सब में ‘प्यार’ भर जाए’ !
‘किसी की बात’ इतना ‘दर्द’ नहीं देती, जितना ‘लहजा’ दे जाता है,
‘ खुदा करे हर किसी की ‘बात का लहजा’ सब में ‘प्यार’ भर जाए’ !
[6]
जरा सोचो
‘कौन क्या कहता है ? कुछ विचारने की ज रूरत नहीं,
‘हर बदलाव’ का ‘स्वागत’ करो, खुश रहो , बस खुश रहो’ !
‘कौन क्या कहता है ? कुछ विचारने की ज रूरत नहीं,
‘हर बदलाव’ का ‘स्वागत’ करो, खुश रहो , बस खुश रहो’ !
[7]
जरा सोचो
‘ तू ‘चंदन’ सरीखा बन, जितने भी रगड़ेंगे , खुशबू महकेगी,
‘बेरौनक’ तो दुनिया जीती है, पर किसी ‘काम’ की नहीं’ !
‘ तू ‘चंदन’ सरीखा बन, जितने भी रगड़ेंगे , खुशबू महकेगी,
‘बेरौनक’ तो दुनिया जीती है, पर किसी ‘काम’ की नहीं’ !
[8]
जरा सोचो
‘बीते समय’ से सीखिए, ‘वर्तमान’ प्रभु का प्रसाद समझ कर जीये,’
‘भविष्य’ आपको गतिमान बनाए रखता है , ‘ यही तो जीवन है’
‘बीते समय’ से सीखिए, ‘वर्तमान’ प्रभु का प्रसाद समझ कर जीये,’
‘भविष्य’ आपको गतिमान बनाए रखता है , ‘ यही तो जीवन है’
[9]
जरा सोचो
‘ मैं-‘ अच्छा या बुरा’ आपके सामने हूं , चाहे जैसे ‘ नवाजिऐ ‘,
‘आपके एहसास’ का अक्स ही होगा,’ जो मिला ‘शुक्रिया’ है आपका’ !
‘ मैं-‘ अच्छा या बुरा’ आपके सामने हूं , चाहे जैसे ‘ नवाजिऐ ‘,
‘आपके एहसास’ का अक्स ही होगा,’ जो मिला ‘शुक्रिया’ है आपका’ !
[10]
गजब का मिजाज है आपका , हमें बेहोश करके भी मुस्कराते हो ,
‘ कभी सामने आते नहीं , बस छिप – छिप कर वार करते हो |
‘ कभी सामने आते नहीं , बस छिप – छिप कर वार करते हो |