‘यदि तू संस्कारी है ‘ ,’कुसंगति में फंसे लोग’ ‘ तेरा क्या बिगाड़ेंगे ‘ ?
‘चन्दन के ऊपर’ ‘सांपों के जहर का असर ‘, ‘ होते नहीं देखा कभी ‘ |
‘यदि तू संस्कारी है ‘ ,’कुसंगति में फंसे लोग’ ‘ तेरा क्या बिगाड़ेंगे ‘ ?
‘चन्दन के ऊपर’ ‘सांपों के जहर का असर ‘, ‘ होते नहीं देखा कभी ‘ |
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