एक बार एक युवक बगीचे में बहुत गुस्से में भरा बैठा था | उसके पास एक मेरा जैसा बुजुर्ग बैठा था |
उस बुजुर्ग साहिब जी ने उस परेशान युवक से पूछा , ” क्या हुआ बेटा , तुम बड़े बेचैन और परेशान क्यों
हो “? युवक ने बड़े गुस्से में अपनी पत्नी की गल्तियों के बारे में उस आदमी से कुछ बताया | वह
बुजुर्ग मुस्कराने लगा और मुस्कराते हुए उस युवक से पूछा ” यदि मैं कुछ प्रश्न पुछना चाहूँ तो
क्या सही जबाब दोगे और बुरा भी नहीं मानोगे ? युवक ने कहा , ” हाँ बाबा जी पुछो ” |
1 घर का खाना कौन बनाता है ? युवक ने कहा ___ मेरी पत्नी
2 तुम्हारा धोबी कौन है ? तुम्हारे मैले कपड़े कौन धोता है ? युवक ने कहा ____मेरी पत्नी
3 तुम्हारे घर परिवार और समान का कौन ध्यान रखता है ? युवक ने कहा____मेरी पत्नी
4 कोई मेहमान घर पर आए तो उसका ध्यान कौन रखता है ? युवक ने कहा_____मेरी पत्नी
5 परेशानी और गम में कौन साथ देता है ? युवक ने कहा_____मेरी पत्नी
6 अपने माता -पिता को छोड़ कर जिंदगी भर के लिए युवक ने कहा______मेरी पत्नी
तुम्हारे साथ कौन आया है ?7
7 बीमारी होने पर तुम्हारा ध्यान कौन करता है ? युवक ने कहा ______मेरी पत्नी
8 एक बात और बताओ __ तुम्हारी पत्नी इतना काम करती है ,
सबका ध्यान रखती है , क्या कभी उसने तुमसे इस बात के
लिए कुछ रुपया पैसा मांगा ? युवक ने कहा_____ कभी कुछ नहीं मांगा |
9 कभी किसी बात की शिकायत की ? युवक ने कहा_______ कभी नहीं |
” तो बेटा यह बताओ , ‘ इतनी सारी खूबियाँ ‘ तुम्हें कभी नजर ही नहीं आई और सिर्फ ‘ कमी ‘ नज़र आ गयी | गजब के जवान हो तुम | मन में शांति धारण करो , अपने घर जाओ और अपनी पत्नी प्यार से बात करके अपना मामला तुरंत इधर-उधर करो ” | ” बेटा , सदा ध्यान रखना “, ” जिस घर में ‘ प्यार’ , ‘हमदर्दी ‘, ‘सराफ़त’ , ‘इंसानियत’ ‘निवास करती हो’ ‘ वह घर धरती का स्वर्ग समान है ” |
“पत्नी “! “ईश्वर का दिया उपहार है ” , “उसकी उपयोगिता समझ कर उसकी देखभाल करो “, “अन्याय करने से डरो ” | “ऊपरवाला सब कुछ देख रहा है | “