Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘गुलाब’ बन’ , ‘दिलों को जोड़ना सीखो ‘|

‘गुलाब’ बन’ , ‘दिलों को जोड़ना सीखो ‘|

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‘कोई   किसी   का   दिल   तोड़   रहा   है’  ‘ तो   कोई   किसी   का   भरोसा ‘ ,

“गुलाब” क्यों  नहीं  बनता’,’खुद  को  मिटा  कर’  ‘दिलों  को जोड़ देता  है ‘ |

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