“पंच- तत्व नव – गृह गायत्री – मंत्रों के माध्यम से ” कुंडली – शक्ति ” जगाना कलियुग में आसान और सुरक्षित है |
प्रार्थना :-
*”किसी भी काल मे जाने अनजाने हमसे या हमारे पूर्वजों से कोई गलती हुई हो उसे क्षमा करें
हमारी आर्थिक स्थिति सही करें | पूरे परिवार को स्वस्थ करें | हमें श्राप मुक्त करें , हमें ऋण मुक्त करें “*
*रात को सोते समय बिस्तर पर और सो कर उठते समय बिस्तर पर ही पहले प्रार्थना तीन बार पढें ।
तत्पश्चात पञ्च तत्वक्रमानुसार प्रत्येक गायत्री मंत्र , सञ्जीवनी महामृत्युञ्ज , विष्णु गायत्री तीन – तीन बार पढें !
मन्त्र याद हो जाने पर ग्यारह बार अथवा 108 बार पढ़ें ।
पंचतत्व नवग्रह गायत्री मंत्र
*1-!वायु तत्व !
*!! राहु गायत्री !!*
*” ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि ; तन्नः राहुः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ !*
पिशाच बाधा; कुष्ठरोग; एलर्जी; गैस; नासूर; कृमि ; सन्निपात; कालरा,बृण !
इस गायत्री के पढ़ने से सारे रोग दूर होते हैं !!
*!! केतु गायत्री !!*
*ॐ गदाहस्ताय विद्ममहे अमृतेशाय धीमहि , तन्नः केतुः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ !*
त्वचा की बीमारी , कोढ़ , भगंदर , विषवाधा , चेचक , गुर्दे की बीमारी . ल्यूकोडर्मा !!
इस गायत्री के पढ़ने से ये बीमारियाँ दूर होती हैं !!
*!! शनि गायत्री !!*
*ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि , तन्नः सौरिः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ !*
घुटने पैरो मे पीड़ा , वेवक्त बुढापा , हड्डी की टीवी , पायरिया ,!
इस गायत्री के पढ़ने से ये सभी रोग दूर होते हैं !!
*2- ☆! जल तत्व !☆*
*!!चन्द्र गायत्री !!*
*ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृततत्वाय धीमहि , तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ ! *
खाँसी , कफ , ट्यूमर , दमा , शराब की लत , आँखो की बीमारी , लकवा , चक्कर , हाईड्रोशील , मन्दबुद्यि , सर्दी , जुकाम , भारीपन , शीतज्वर , !!
इस गायत्री के पढ़ने से ये सभी रोग दूर होते हैं !!
*!! शुक्र गायत्री !!*
*ॐ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि , तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ! *
कमर के रोग , वातरोग , अण्डकोश में सूजन , पीड़ा , मूत्रावरोग , वीर्य सम्बन्धी रोग ,!!
इस गायत्री के पढ़ने से ये सभी रोग दूर होते हैं !!
*3-☆! अग्नि तत्व !☆*
*!! भौम गायत्री !!*
*ॐ अंगारकाय विद्ममहे शक्तिहस्ताय धीमहि , तन्नो भौमः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ !*
पेशाब , गुर्दा सम्बन्धी रोग , पोलियो , अल्सर , हार्निया , बवासीर !
इस गायत्री के पढ़ने से ये रोग दूर होते हैं !
*!!सूर्य गायत्री !!*
*ॐ भास्कराय विद्ममहे महातेजाय धीमहि , तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ !*
दिल की बीमारीं , रीड़ की हड्डी , गर्मी की बीमारीं , नेत्र रोग , शरीर मे जलन , सिर पीड़ा , पित्त सम्बन्धी बीमारीं , ब्लडप्रेशर !!
इस गायत्री के पढ़ने से ये रोग दूर होते हैं !!
*4-☆! पृथ्वी तत्व !☆*
*!! बुध गायत्री !!*
*ॐ सौम्यरुपाय विद्ममहे बाणेशाय धीमहि , तन्नो बुधः प्रचोदयात् ,!!*
*! बीमारियाँ !*
मानसिक दुर्बलता , नींद न आना , उत्तेजना , चिंता , स्मरण शक्ति की कमी ,!!
इस गायत्री के पढ़ने से ये रोग दूर होते हैं !!
*5-☆! आकाश तत्व !☆*
*!!गुरू गायत्री !!*
*ॐ आंडि्गरसाय विद्ममहे दण्डायुधाय धीमहि , तन्नो जीवः प्रचोदयात् !!*
*! बीमारियाँ !*
मांसपेशियो मे अकड़न , हाँथो मे कम्पन , दाहिनी ओर के अंग सुन्न हो जाना , स्नायु पीड़ा , सूजन , पीलिया , लीवर , कैंसर , फेफड़े की सूजन , चिलकन जैसा दर्द , जलोदर , लिखते -२ हॉंथ अकड़ जाना , पथरी ,!!
इस गायत्री के पढ़ने से ये रोग दूर होते हैं !!
*! सञ्जीवनी महामृत्युञ्जय !*
*ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं त्रयंम्बकंयजामहे भर्गोदेवस्य धीमहि सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम् धियो यो नः प्रचोदयात् ऊर्वारूकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !! !!*
इस गायत्री के पढ़ने से सभी लोग र्दीर्घ आयु होते हैं !! !!
*!! विष्णु गायत्री !!*
*ॐ नारायणाय विद्ममहे वासुदेवाय धीमहि , तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् !! !!*
*!डा• नरेश कुमार डेलेकर !* द्वारा प्रदत्त विवरण है |