‘ना तो शक्लों -सूरत वही रहती ‘, ‘ न दौलत’ ‘ हमेशा साथ देती है ‘,
‘आज तख्त है तो कल तख़्ता ‘, ‘गर्व ‘ ‘ किस बात का करते हो ‘ ,
‘प्रयास करो ‘ – ‘सत्य ‘, ‘प्रेम’ , ‘करुणा ‘, ‘भाई-चारा ‘ ‘दिन-रात बढ़ता रहे ‘ ,
‘खुद गर्जी ‘ तथा ‘ विपरीत ‘ ‘ चालों को त्यागो ‘, ‘ सही इन्सान बनों ‘ |