‘गरीब ज्यादा गरीब होता रहा’ , ‘साहूकार’’सोने कि दीवारें’’चिनाता गया’ ,
‘देश के कर्णधार’ –‘दुल्हन कि पालकी को लूटते ‘ ‘नहीं थके आज तक’ ,
‘घर-घर में माल्या’ ‘पैदा होने लगे’ ‘,कैसा देश’, ‘किसका देश’,’भावना है अब’ ?
‘देश का चरित्र’ ‘ दांव पार लगा है’,’जिसकी लाठी उसकी भैस’ है ‘अब देश में’ |