“राष्ट्रियता की भावना ” , राख में छिपी चिंगारी की तरह होती है” ,
“जब राष्ट्र पर विपत्ति आती है ” ,” चिंगारी भड़क कर आग बन जाती है” ,
“कुछ लालूप इन्सानों ने भ्रष्टाचार करके “, “देश को पूरा चाट लिया है “,
“अब जनता पूरी जागरूप है”,”गद्दारों और देशद्रोहियों को सबक मिलना चाहिए”