[1]
‘न ज्यादा सोचो ,न आश्चर्य करो ,
‘न कोई कल्पना करो ‘,
‘लंबी सांस लो और विश्वास करो ,
‘जो भी घटेगा,सबके हित में ही होगा ‘|
[2]
‘जहां परिवार है वहीं प्यार की भाषा का
प्रयोग मिलता है ‘,
‘अक्सर परिवारों में दुभाषिए मिलते हैं ,
‘तकरार ही तकरार है ‘|
[3]
‘सभी संग्रहों और संयोगो’ का अंत केवल वियोग है’,
‘इसलिए हर परिस्थिति का’ ‘ सदुपयोग करना चाहिए ‘,
‘अनुकूल स्थिति में सेवा-भाव,’प्रतिकूल में इच्छा त्यागो’ ,
‘पापों का ब्याज सहित भुगतान , हम सबका प्रारब्ध है ‘|
[4]
‘जो सम्बन्धों की परवाह करना सीख गया’ ,
‘पारस का हो गया समझो’ ,
‘सबके दिलों में जगह बना लेगा’,
‘उमर मस्ती में कट जाएगी’ |
[5]
‘अपनी जवानी और दौलत’ का इतना
घमंड’,’क्या तू भस्मासुर है’,?
‘कब ‘बीमारी और गरीबी’ घेर ले’ ,
‘कुछ पता भी है तुझको ‘|
[6]
‘पहली बार झूठ बोल जाओगे’ ,
‘हजम भी कर जाओगे ‘,
‘पहली बार सत्य बोलोगे तो’ ,
‘सत्य’ आदत बन जाएगी तेरी ‘|