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“खेलों  के  माध्यम  से  बच्चों  में  एक  नया  जज़्बा , जुनून  व  जोश  पैदा  होता  है  तथा

एक  दूसरे  से  आगे  आने     के  भाव     से   प्रति    स्पर्धा  की  भावना     पैदा  होती  है  तथा

प्रति- स्पर्धा  के  कारण  ही  हम  आगे  बढ़ते  है “

 

 

“पुरुषार्थ   और  मेहनत  से  जीवन  सफल  होता  है  और  खेल  हमें  मेहनत  करना  सीखाते  हैं |

खेलों  से  हमें  कभी  जीत  तो  कभी  हार , कभी  चोट , कभी  गिरने  की  पीड़ा  भी   मिलती  है ,

इससे ‘ देश  के  लिए’ ‘ कुछ  कर  गुज़रने  की  भावना’  ‘दिलों  में  उफान  लाती  है  “ |

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