‘खुद को पहचानिए , समझिए , ‘ जीवन आपका अपना है ‘
‘ उन्नति के कुछ नए सोपान , आप भी आजमाएं |
सही योजना , सकारात्मक सोच , आपकी सफलता का पैमाना निश्चित करता है | निम्न टिप्स निश्चित ही आपके कैरियर को निखारने में मददगार साबित हो सकते हैं |-
(1) आपका बात प्रस्तुत करने का स्तर आकर्षक होना चाहिए | सामने वाला बात के अंदाज़ का कायल हो जाए |
(2). अपने जाब प्रोफाइल से हटकर अन्य कार्यों पर भी ध्यान देते रहने से आप तारीफ भी पाएंगे और ज्ञान वर्दी भी होगी |
(3). जोखिम उठाते रहना फायदामंद हो सकता है | सफल होने के लिए जोखिम उठाने को व्यक्तित्व का हिस्सा बनाइए |
(4). ऑफिस से बाहर लोगों से जिंदादिली से मिलना , मिलनसारी की आदत , आपको आगे बढ़ाने में पूरा योगदान प्रदान करेगी !
(5). रोज रोज नई टेक्नोलॉजी आ रही है ! अपने वर्कप्लेस को अपडेट करते रहना जरूरी है ! बदलाव में महारथ हासिल करके आप अपने काम में बदलाव ला सकते हैं और तरक्की कर सकते हैं !
(6). काम आप पर नहीं बल्कि आप काम पर भारी पड़ने चाहिए |
(7). काम काम होता है छोटा बड़ा कुछ भी नहीं | हर काम को पूरी मुस्तैदी से अंजाम दें |
(8). अधिक सोने से चुस्ती -फुर्ती कम होती चली जाती है और हम असफलता की और बढ़ते लगते हैं | कृपया बचें |
(9). उघना ( तंद्रा ) एक हल्की बेहोशी की अवस्था होती है | जिसमें मनुष्य कोई भी कार्य विवेकपूर्ण ढंग से नहीं कर पाता | अतः उघते रहने की आदत को त्यागना नितांत आवश्यक है |
(10) . किसी भी प्रकार का भय जैसे बीमारी का भय , फेल होने का भय , व्यापार में हानि का भय , मृत्यु का भय , आदि हमारे शत्रु है | असफलता के धयोतक है | हमारी स्वाभाविक कार्यक्षमता और उत्पादक शक्तियां नष्ट कर देता है | सावधान रहें |
(11). ‘क्रोध और अहम’. धीरे -धीरे एक लत का रूप ले लेता है और सर्वनाश का कारण है | अतः इस भाव से बचकर चलें |
(12). ‘आलस्य’ मनुष्य की ‘उन्नति व प्रगति’ में बाधक है | वह ऐसी जंग है जो किसी को सफल होने ही नहीं देती | सदा कार्य देर से करने की आदत बन जाती है |
(13). ‘नकारात्मकता’ का विरोध करें | ‘सकारात्मक पहलुओं’ को ध्यान में रखकर कार्य करते रहें |
(14). अपनी ‘योग्यता कुशलता’ व. क्षमता में ‘सुधार ‘ लाने का प्रयास हमेशा जारी रखें | सभी के लिए ‘प्रेरणा का स्रोत ‘ बने रहने का प्रयास आपको ‘रुचिकर व अनुकरणीय’ बनाए रखेगा !
(15) आप ‘अपनी भूल’ को तत्काल स्वीकार करने की आदत बनाएं |
(16). अपनी भाषा में ‘अशोभनीय शब्दों’ के प्रयोग से बचें |
साथियों ! यदि मेरे दिए हुए सुझाव ‘ उचित ‘ नहीं प्रतीत हो तो उन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं | अन्यथा उचित होगा कि आप धीरे -धीरे अनुकरण करें | आपका जीवन ‘सार्थक’ होने की पूरी संभावना है |