[1]
‘अर्जित ज्ञान – अनेकों काल से मनुष्य का साथ निभाता आया है’, ‘
‘ज्ञान से बड़ी कोई दौलत नहीं”इसे कमाने वाला आदमी बेकार नहीं होता ‘|
[2]
‘मजहब की दीवार चौड़ी होती जा रही है देश में ‘,
‘इंसानियत को नोंच डाला है इन बहशी दरिंदों ने ‘|
[3]
‘कोई याद न करे तो बुरा मत मानिए ‘,
‘बस शांत रहिए ‘,
‘मोमबत्ती तभी याद आती है’,
‘जब घर में अंधेरा हो ‘|
[4]
‘न सहारा रोज़ मिलता है , न प्यार करने वाला कहीं ‘,
‘जो भी मिला उसे प्रभु का प्रसाद समझ ‘कदम बढाता चल ‘|
[5]
‘आज का मौषम खराब है’ ,
‘कल गुलबहार भी हो जाओगे ‘,
‘मंज़िल का मुसाफिर थक गया तो’ ,
‘जीने का आनन्द खतम ‘|
[6]
‘ तुम हमें सीधा समझ कर ठोक देते हो’ ,
‘टेढ़े से बचते हो ‘,
‘मौका देख कर पासा पलट देते हो’ ,
‘गजब इंसान हो ‘|
[7]
‘अगर एक-दूसरे की गल्ती ढूंढते रहे’,
‘रिस्तों का गुलिस्ता सूख जाएगा ‘,
‘विश्वास’ का पुल बनाता चल’,
‘दूरियाँ’ स्वम घटती जाएंगी ‘|
[8]
‘प्रेम , दया ,करुणा ,धार्मिक आचरण’,
‘संतों और गुरुजनों की पहचान है’,
‘हालात कैसे भी हों ‘वो’ हर मानव को’
‘गले लगाने में देर नहीं करते ‘|