ज़िंदगी की शाम में शब्दों का खेल है ,
संघर्ष की तपत को भूलते जाओ , दोस्तों ,
चलो उड चलें जहां खुला आसमां नज़र आए,
जहां हर घड़ी किलकारियों से खेलते हों सभी ,
दुआओं का दरिया हमारा सूखने न पाये कभी ,
मनमोहक व्यक्तित्व,विनीत स्वभाव,आदत बना डालो ,
आसमां और भी हैं,चुम्बकीय दृष्टिकोण उभारो अपना ,
कड़वाहट भरी ज़िंदगी से उभरो , सकारात्मक बनो |