Home कविताएं ‘कुछ सुविचार जो मेरे मन के भाव हैं ‘ !

‘कुछ सुविचार जो मेरे मन के भाव हैं ‘ !

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[1]

‘खुशियाँ  दे  कर  खुशियाँ  प्राप्त  करने  का,
‘व्यापार  है  अपना ‘,
‘खुशी  के  बदले  गम  मिलने  लगें ,
‘कारोबार  चोपट  समझ ‘|

[2]
‘राखी  बंधवाते  हैं  या  नहीं , कोई  खास  बात  नहीं  है ‘,
‘दूसरे  घर की स्त्रियॉं  को  बहन-बेटी  मानते हो  या  नहीं ‘,
असली  समस्या  यहीं  है , वतन  की  हवा  साफ  नहीं  है ‘,
‘सोच  की  मीनार  को  ऊंची  बना, इज्जत  बख्श  दे  उनको ‘|

[3]

”सूरज  का  प्रकाश’और ‘फूलों  से  खुशबू ” मिलती  रहे  सबको’,
‘ मेरी  दुआ  है ‘ देश  का  हर  लाड़ला  खुशियों  से  लबालब  रहे ‘|

[4]

‘कुशल  व्यवहारी  बन’ ,
‘समाज  का  चन्दन  बन  जाएगा ‘,
‘हर  कोई  दिल  में  जगह  देगा’ ,
‘सूनापन  नहीं  सताएगा ‘|

[5]

‘ फूलों  से  हाथ  मिलाया  तो  महकने  लगा,
‘मदिरा  को  गले  लगाया  तो  बहकने  लगा,
‘मानव  से  स्नेह  बढ़ाया  तो  सुधरने  लगा,
‘देश-प्रेम  में  डूबा  तो  सूरज  सा  चमकने  लगा ‘|

[6]

मेरा विचार
” सदा   ठंडे   दिमाग   से   शांत   हो   कर   बात   करें   क्योंकि ‘  सफलता  ‘   एक   परछाई   की   भांति                                                                                       शांत   मस्तिष्क   के   पीछे   छिपी   रहती   है  “|

[7]

‘भ्रम  पैदा  करोगे ,सब  अलग  हो  जाएंगे’,
‘प्रेम  बांटोगे  तो  सारे  इकट्ठे  हो  जाएंगे’,
‘जिंदगी  की  घड़ी  हमारा  हर  पल  घटाती  है’,
‘चलो  राम  चरित्र  जीवन  में  उतारा  जाए ‘ |

[8]

‘वे’  पेड़  बचाओ  कह  कर  पर्यावरण  पर  घंटों  भाषण  दे   गए ‘,
‘पता चला, सैकड़ों पेड़  उसने ही  चूल्हा जलाने में  फूँक डाले  थे ‘|

[9]

‘सारा  समंदर  नाप  दिया  फिर  भी  प्यासे  ही  रह  गए ‘,
‘तुम्हारी होशियारी को  ओढ़ें,बिछाए ,क्या करें , तू  ही  बता ‘?

[10]

अगर  मेरे मित्र  सर्वोत्तम,रिस्तेदार अच्छे  हैं, मैं  सुविचारी  हूँ ‘,
‘फिर  डरने  की  क्या  जरूरत  है ‘ ,’ सब  भला  करेंगे  राम ‘|

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