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“कुछ समझिए जनाब “

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[1]

“ईश्वर की सत्ता बीज रूप में” “तुम्हारे सबके अंदर ही विराजमान है” ,
“सत्संग , सेवा , भजन , दर्शन” “रूपी खाद देने भर की जरूरत है” ,
“उसके सूक्ष्म ज्ञान से सारी संभावनाएं” ,” रास्ते स्वम खुल जाते है” ,
“अविचलित हो कर” ” इस बीज रूपी परमात्मा को दिल मे स्थान दो” |

[2]

“चिकनी चुपड़ी बातें सभी करते हैं” ,” दीवारों पर भी लिखी मिल जाएंगी” ,
“जो मीठी स्नेहयुक्त जुबान का मालिक है “,” बस वही खूबसूरत इंसान है “|

[3]

“जो समय के अबुसर नहीं बदलता” ,” दुःख ही पाता है” ,
“कामयाब व्यक्ति समयानुसार” “बदलने मे देर नहीं करता ” |

[4]

“प्रातः का प्रणाम एक रिवाज नहीं” ,”अहसास है दिल का “,
“सम्मान – सूचक सूत्र है” ,” एक धागे में पिरोये रखता है “|

[5]

“कल को भूल कर आज में जीने का प्रयास क्यों नहीं करते” ,
“बहुत पिछड़ जाओगे’ ,’ कल लौटता ही नहीं’,”बस पछताओगे” |

 

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