[1]
‘स्त्री को आपका ‘समय ,मुस्कराहट , और वफादारी’ की दरकार है’,
‘आप सोचते हो -‘वह कार ,बंगला ,दौलत ,और तोहफों’ की भूखी है’|
[2]
‘अगर ‘लक्ष्मी’ नहीं है तो अपने भी
‘भूल जाते हैं ‘,
‘अब गरीब होना भी’ ,
,अभिशाप की श्रेणी में आता है ‘|
[3]
‘जो हर बात’ याद रखते हैं ,
‘सदा बेचैन रहते हैं ‘,
‘कभी कुछ भूल जाना भी ,
‘सेहत के लिए जरूरी है ‘|
[4]
अरी बूंदों ! आसमान तक पहुँच कर भी
‘नीचे आ गिरी ‘,
‘जरा हाले-दिल बयां तो कर’ ,
‘हम भी खबरदार हो जाएँ ‘|
[5]
‘अरे मानव ! तू प्रेमी तो है परंतु
‘त्यागी नहीं लगता’,
‘प्रभु से मिलना है तो ,
‘त्याग की भाषा समझ ‘|
[6]
हम ‘आत्म-विश्वास’ सहित पैदल भी चले तो मंज़िल मिल जाएगी’,
‘ सन्देह सहित ‘ ‘ दौड़ते रहे तो , बीच में ही लटक जाओगे’|
[7]
‘सुनना और सहना’ सिख गए तो’,
‘जीना आ गया समझो’,
‘उत्तम सोच से समाधान संभव है’,
‘रो-रो कर किसलिए मरना ‘?
[8]
‘मीठे बोल ‘शहद’ घोल देते हैं मन में’,
‘उदासी भाग जाती है ‘,
‘फिर घटिया सोच रख कर तुमने’ ,
‘जहर’ क्यों घोल रक्खा है ‘|
[9]
‘बाह्यमन’ और ‘अन्तर्मन’की गहराई कोई नाप नहीं सकता ‘,
‘ऊपर से मोर खूबसूरत है परंतु सांप को खा जाता है’|
[10]
‘संसार में अच्छा/बुरा सब कुछ है’ ,
‘जैसा चाहोगे बन जाओगे ‘,
‘मिट्टी’ की ‘सुराही’ बनी तो ‘शीतलता’,
‘चिलम’ बनी तो ‘आग’उगलेगी ‘|