[1]
” मेरी झुर्रियों पर मत जा “,” ये उम्र भर के तजुर्बों का खजाना है “,
“दुनियाँ ने खूब रुलाया-हँसाया है “, “झुर्रियों का पिटारा सौंप दिया है “|
[2]
” अनगिनत पेड़ उगा दिये प्रकृति ने बिना किससी स्वार्थ के “,
” फल’, ‘ फूल ‘, ‘ ताज़ी हवा’, ‘ बिना मांगे सबको नसीब होते हैं ‘,
‘तू भी बिना शर्त ‘, ‘बिना स्वार्थ ‘,’ मानव सेवा करके देख तो सही’ ,
‘निश्चित ही ‘, ‘ तुम्हें अपने कार्यों का पश्चाताप नहीं होगा कभी ‘ |
[3]
“अगर दिल से दिल मिलता है” ” तो समझो एक तार के टुकड़े हैं हम “,
“तोड़ो’,’मरोड़ो’ या ‘ कुछ भी बिगड़ दो उसका’,’अलग हो नहीं सकते कभी ‘|
[4]
“कितने भी गम सताएँ आपको “,” बेगम बन कर खड़े रहो “,
“बस मंद मुस्कराते रहो,” “सारे गम डर कर भाग जाएंगे ” |
[5]
‘ध्यान रहे’ ,’हर किसी की जिंदगी में खुशियों के रंग भरते चलो ‘,,
‘कहीं ऐसा न हो जाए’ ‘तुम किसी की बरबादी का कारण बन जाओ ‘|
[6]
” हाँ यह सत्य है ” ” तुम हर किसी को प्रसन्न नहीं कर सकते “,
“हाँ यह अवश्य कर सकते हो “”हर कोई आपके प्रयास को सार्थक कहे “|
[7]
“पाँव के छालों को देख जो घबरा गया “, “बस मर गया समझो “,
“कमजोर सोच व डरपोक दिल वाले “, “मंजिल पा नहीं सकते कभी “|
[8]
” सदा मित्रों को दिल से स्नेह करो “, ” मूड या जरूरत के अनुसार नहीं “,
मित्रता अटूट बँधन है, स्नेहा लिप्त है”,“उसे घटिया बनाने का किसी को अधिकार नहीं “|