[1]
संघर्ष थकाता जरूर है परंतु अंदर से मजबूत बना देता है ,
समस्या- समस्या नहीं रहती , जीतने की ज़िद बनी रहती है |
[2]
विश्वास तब नहीं बढ़ता जब आप हर प्रश्न का उत्तर जानते हो ,
विश्वास तभी जागता है जब आप हर प्रश्न का उत्तर देने को उत्तर हो |
[3]
‘मुस्कराहट’ के गुजरे पल , जब ‘ होठों ‘ पर थिरकते हैं ,
‘होश’ नहीं रहता , हम ‘ दुनियाँ ‘ में हैं या ‘दुनियाँ ‘ हम में बस्ती है |
[4]
गरम-ठंडे , मीठे-फीके स्वादों में लिपटी पड़ी है जिंदगी ,
अच्छे-बुरे की पहचान करना , बहुत टेढ़ा हो गया है आजकल |
[5]
उम्र के तजुर्बों को बयां करते- करते , कलम भी थक गयी ,
खंजरों की नाइंसाफी बेहिसाब थी , जवानी से बुढ़ापा आ गया |
[6]
खुद में झाँकते नहीं , ऑरों के कामों पर नज़र गड़ाये रखते हो ,
अगर मैं गलत नहीं , तो आप ही दुनियाँ के असली अंधे हो |
[7]
परेशानी में ‘ मुस्कान’ ही इंसान की सहायक है फिर भी ,
सभी ही ‘ मुस्कान ‘ अक्सर अस्त- व्यस्त मिलती है |
[8]
इश्क का गुबार , झुकी नज़रें , महबूब के दीदार की आशा ,
प्रीत की लत कुछ ऐसी लगी , होश में रहते हुए बेहोश हैं |
[9]
जिंदगी की शाम हो गयी , झमेले खतम होते नहीं देखे ,
काश | शांत और उदार -चित्त हो कर कुछ ‘जी’ लिए होते |
[10]
तुम्हारे जाने के बाद अनेकों आदतें भी उड़ंछू हो गयी ,
तुम्हारी मोहब्बत का सिला अब तक नहीं टूटा , गनीमत है |