Home ज़रा सोचो ” कुछ बातें जो जीवन की सच्चाई है “- जानिए , समझिए |

” कुछ बातें जो जीवन की सच्चाई है “- जानिए , समझिए |

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[1]

‘नग्न ‘   ही   रहना   है  तो  ‘ अपने  व्यवहार ‘  की  ‘ बलि ‘ चढ़ाते  रहो,
‘अन्यथा ‘तन- मन’ को  ‘संस्कारी  वस्त्रों’ से  सजाने  की  हिम्मत  करो’ !

[2]

‘कितना  भी  ‘रंग’ चढ़ावा  लो, ‘दीवारें’  कभी  नहीं  बोलती,

‘मानव  का  सबसे  ‘स्नेह और व्यवहार’ ही ‘सर्वोत्तम  रंग’  है’!

[3]

‘आज  पीछे  रह  गए  तो  कल  आगे  भी  जाओगे,
‘उमस  भी  घटेगी , झमाझम  ‘बरसात’  भी  होगी,
‘जिंदगी  का  झूला  आगे  पीछे  होता  रहेगा  सदा,
‘डर  गए  तो  मर  गए  समझो , ‘हिम्मत  बढ़ाइए’ ! 
[4]
‘सही समय’ का  ‘इंतजार’  करना,’कमजोर  करता  जाएगा,
‘हर पल’ को  सुंदर  बनाने  का  प्रयास  ही, ‘अच्छा  प्रयास  है’ !
[5]
‘निष्काम  भक्ति’  यानी ‘कामना- वासना’ रहित  ‘भक्ति’ हम  क्यों  नहीं  करते ?
‘कर्मक्षेत्र  में  रहकर  सभी  कर्म , ‘ निष्काम  भाव ‘ से  करना  ही  ‘ भक्ति’  है’ !
[6]
‘सभी  धर्म ‘ ‘ गुणों  के  भंडार ‘  हैं , तो  कहीं  ‘झगड़ों  की  जड़’ बने  बैठे  हैं,
‘मानव  धर्म’ का  पालन  सही  अर्थों  में  कोई  करता  ही  नहीं,’यह  भारत  है’ !
[7]
‘चाहे  जल , फूल , चंदन  चढ़ा , आरती  उतार, प्रणाम , भी  करते  रहो,
‘जब तक  अंदर  सोई ‘श्रद्धा और विश्वास’ नहीं जागेगा,’सभी  कुछ  व्यर्थ  है’ !
[8]
‘श्रेष्ठ  विचार ‘  श्रेष्ठ  भावना , श्रेष्ठ  कार्यों’ के  प्रति  ‘श्रद्धा’ बनाता  चल,
‘सिद्धांत, ईश्वर  और  खुद  के  प्रति ‘विश्वास’ ही  तुम्हें ‘श्रेष्ठ’  बनाएगा’ !
[9]
मोदी  की  सोच
‘ आप  सब  ‘ जिद ‘  नहीं  छोड़ते ,’ अपनापन ‘ छोड़  देने  को  तैयार  रहते  हैं,
‘यह  नहीं  सोचा, ‘तुम्हें  एक  करने  के  लिए  मैंने’ ‘जिंदगी’ दांव  पर  लगा  रखी  है’ !
[10]
‘खाली  हाथ  जाना  है’ फिर  भी, ‘बटोरने  की  इच्छा’ खत्म  नहीं  होती,
‘हम  गजब  इंसान  हैं , और  ‘ हमारी  इंसानियत’  भी ‘बेहद  गजब’ !
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