[1]
‘जो मुहब्बत में फंसा वो अक्सर हारते देखा ‘,
‘जो सदा नफरत बोता रहा ,’कभी जीतते नहीं देखा ‘|
[2]
‘Ramjan’ और ‘Diwali’ में ‘राम और ‘अली’ दिखाई देते हैं ‘,
‘दोनों मुहब्बत का पैगाम देते हैं ‘,’ फिर क्यों लड़ रहे हैं हम ‘,
‘अकल से काम लो तो मिलकर देश को स्वर्ग बना सकते हो ‘,
‘नफरत की दीवार को लाँघो,’प्यार की मीनार चिनवा दो यहाँ ‘|
[3]
जय हो तेरी मानव
‘मंदिर जाने में कुछ खर्च नहीं होता’,’फिर भी कतराता है’
‘बार-क्लब में पैसे लगते हैं’ ‘भाग-भाग कर जाता है’|
[4]
‘यादें’ हर किसी को झँझोड़ देती है’,
‘रहम नाम की चीज नहीं’,
‘उसी के रहमों-करम पे जिंदा हैं’
‘वरना मर गए होते’ |
[5]
‘मस्ती से जी लो ,पत्नी को पत्नी नहीं गर्लफ्रेंड समझकर ही जी लो’,
‘गृहस्थी भी बनी रहेगी’ , उम्र भी कट जाएगी आनंद में ‘|
[6]
‘पुन्य’ करने से पहले अहं भाव मन में समा गया,ये क्या हुआ ‘?
‘पिछला कमाया पुन्य भी हकीकत में ‘पाप’ में बदल गया समझो ‘|
[7]
‘आसुओं के पीछे हमदर्दी ग्रहण करने की भावना छिपी मिलती है’ ,
‘हकीकत में कम ही रोते हैं”प्रपंच रच कर धीरे से खिसक लेते हैं हम ‘|
[8]
‘उदास रहने से बेहतर है रो लो’,
‘डिप्रेशन में जाने से बच जाओगे’,
‘माहौल भी संभल जाएगा’ ,
‘सकूँ भी मिल जाएगा दिल को ‘|
[9]
‘नाराज़ मत होओ कभी’ ‘तिरछी निगाहें नश्तर की तरह चुभती हैं ‘,
‘तेरा स्नेह से निहारना भी’ ‘मरहम का काम कर देगा हुज़ूर ‘|
[10]
‘प्रकाश का वजूद अंधेरा होने पर ही अहसास होता है’,
‘सुरज की रोशनी में तो सभी घोड़े की तरह चलते हैं’ |