[1}
“मेरी”यह”दुआ”है-“तुम सभी””खुश” रहो “आबाद” रहो ,
“प्रभु” की ” कृपा” “तुम सब “पर ” सदा ” “बरसती” रहे ,
“आने वाला समय” “सभी का ” “मंगलमय” “बना रहे” ,
“सभी” “अपने जीवन” मे , “आनंद” से ” सरोबार ” रहें |
{2}
“सम्पूर्ण सौंदर्य ‘ जन्म नहीं लेता ‘,” प्रतिभा के साथ अवतरित होता है ” ,
‘सादगी’ , ‘गंभीरता’,’चंचलता’,’शोखियाँ[‘,’संवेदनाएं’ ‘मिली होती हैं उसमें ” |
{3}
‘पद’ और ‘कद’ की गहराई में” , “अहंकार नाम का कीड़ा रहता है “,
“ज़रा सा भी विचलित हुए” ,” वह डंक मारने में देर नहीं करता ” |
{4}
“कठोरता और कटुता” “त्याग कर’ “दया भाव से मुक्त जीवन जीना सीखो” ,
“नेकी की राह पकड़ ‘,” धरती को सज़ा”,” धरती का वरदान बन कर दिखा”,
“जो धर्म की आड़ में मासूमों की जान लेते हैं “,” वो देश के अभिशाप हैं “,
” संत भाव से युक्त हो कर ” ” धरती पर अपनी उपस्थिती सही दर्ज़ करा “|
{5}
‘मुस्कराहट’ और ‘नम्रता’ ‘जीवन के गहने हैं’,’ पहने रहो’ ,
‘इनकी फ़ौहारों से ‘ ‘अपनों को भिगोये रक्खो सदा मित्रों ‘ |
{6}
“खुशियाँ इसमें नहीं ” कि ” मनचाही हर वस्तु मिल जाए ‘,
“आनन्द इसमें है” कि” प्राप्त वस्तुओं का सदुपयोग किया जाए” |
{7}
“मोहब्बत हर किसी को आसानी से नहीं मिलती” ,
” अनेकों खार रास्तों से हटा कर रूबरूं होते है ” ,
“मोहब्बत दिलों कि रवानी है “,”तौहीन मत करो” ,
“अनेकों जख्म सीने पड़ते हैं “”इसको पाने के लिए” |
{8}
“गुस्से का असर’ ‘मन’ , ‘दिमाग’ और ‘पूरी शारीरिक संरचना पर होता है’ ,
“नाड़ी कि गति’,’ह्रदय गति’, ‘हार्मोन्स में रिसाव”सब अनियंत्रित हो जाते हैं’ ,
‘हमारा मन स्थिर है तो’ ‘शरीर कि सभी क्रियाएँ ‘ ‘आसानी से काम करती हैं’ ,
‘परेशानी हम अपने लिए ही नहीं’,’अनजाने में अपनों के लिए भी पैदा करते हैं ‘|