[1]
भक्त ने पूछा ;-
प्रभु -“तुम सर्वत्र हो फिर भी हमारी सभी इच्छाओं को पूरा नहीं करते” ?
प्रभु ने कहा :-
“एक बार दिल में विश्वास की ज्योति तो जला , फिर नज़ारा देख ” |
[2]
” लोग लोगों का इस्तेमाल तो करते है विश्वास नहीं “,
“गोया हम किसी डिटर्जेंट पाउडर जैसे भी नहीं लगते ” |
[3]
दोस्ती ;-
“माँ-बाप , भाई , “बहन या पत्नी”,’ अब सभी रिस्ते बिकाऊ हैं ” ,
” प्रेम ‘ ,’ विश्वास ‘ ,’ भाई – चारा’,’ सब कुछ धराशायी हैं अब” ,
“एक दोस्ती का रिस्ता ऐसा है” ,” जिस पर दाग नहीं देखा “,
“जिस दिन ये बिक जाएगा”,”उस दिन संसार उजड़ गया समझो” |
[4]
“दर्द छिपा कर मुस्कराना हंसी खेल नहीं होता ” ,
“अपने गुस्से के पीछे प्यार की ताबीर को समझ ” ,
“खामोश रहने की वजह से भी ताल्लुक बनाए रख” ,
“मुस्कराने की कला का पारखी बन कर उभर” |
[5]
“खुद की गल्ती स्वीकार करके” ” मन का मैल साफ करना सीख लो “,
“अजीब तो है पर चमचमाता दिल” , “सबके लिए प्यार की सौगात है ” |
[6]
‘तनाव’ ‘केवल रोग नहीं’ , ‘अनेकों रोगों का कारण भी है ‘,
‘मनुष्य अब जीवन की सारी मिठास’ ‘ प्रायः भूल चुका है’ ,
‘यदि तुम खुश नहीं रहते’ तो ‘दूसरों को कैसे खुश कर पाओगे’ ,
‘ आशावादी द्रष्टिकोण ‘ हर ‘तनाव’ से ‘राहत दिला देगा तुझे ‘|
[7]
” भगवान के अहसास कि कड़ी ही प्रभु से जुड़ना कहाती है ” ,
” अहसास खोते ही इंसान का ” ” प्रभु से नाता टूट जाता है” ,
“इसीलिए संतजन सारी उम्र” ” निरंकार से नाता जोड़े रखते हैं” ,
“जागरूक रहते हैं कहीं बहक न जाएँ”,”सुमरण कभी नहीं भूलते” |
[8]
“जिसके पास कुछ भी नहीं होता- वही भीख मांगता है” ,” यही हकीकत है ” ,
“परंतु दौलत वाले उजले भिखारी हैं” ” जो मंदिर में जा कर भीख मांगते हैं “|
[9]
“मेरी सोच “;-
“जो कहता है” ‘समय नहीं ‘ “वह व्यस्त नहीं अस्त-व्यस्त है” ,
“उसे ये भी नहीं पता ” ” वो मर चुका है या अभी ज़िंदा है” |
[10]
“इंसान – दुनियादारी के नज़ारों में इतना खो जाता है” ,” परमात्मा को भूल जाता है “,
“सत्य का बोध कर” ,” प्रभु के नूर का दीदार कर “, ” सदभाव की कीमत समझ ” |