Home ज़रा सोचो ‘कुछ छोटी-छोटी बातें जो महत्वपूर्ण हैं ‘ छंदों के माध्यम से !

‘कुछ छोटी-छोटी बातें जो महत्वपूर्ण हैं ‘ छंदों के माध्यम से !

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[1]

‘धैर्य, विश्वास ,बुद्धि ,हंसी ,सब  कुछ’,
‘प्रभु  से  निःशुल्क  मिलते  हैं ‘,
‘हम  फिर  भी  इनसे  विमुख  हो  कर’,
‘हर  दिन  नयें  दर्द  पाल  लेते  हैं’|

[2]

‘हर  डर  से  निडर  रहें ‘,
‘हर  दर्द  को  छुपाना  सीखिये  हुज़ूर ‘,
‘हर  समस्या  से  निजात  पाने  का’ ,
‘ये  सर्वोत्तम  उपाय  है ‘|

[3]

‘कोई  आपका  ‘आलोचक’  हो  या 
‘प्रशंसक’  हो , उत्तेजित  मत  होना ‘,
‘पथ -भ्रष्ट  वो  हैं  आप  नहीं ‘,
‘समभाव  में  जीते  रहो ‘|

[4]

‘जब  दौलत  थी  ‘How  are  you’?
‘कहते  थे  सभी ‘,
‘दौलत  गयी  अब ‘Who  are  you’?
‘कहने  लगे  सारे ‘|

[5]

‘हर  जहर  को  पी  जाओ ‘,
‘खुश  हो  कर  मित्र  का  स्वागत  करो ‘,
‘किसी  को  अहसास  ही  न  हो ‘,
‘तुम्हें  भी  दर्द  है  कोई’|

[6]

‘नज़रें  मिला  कर  भूल  गए’, 
‘बड़े  दिलदार  बनते  हो ‘,
‘हमारा  क्या  हाल  क्या  हुआ  होगा’
‘ये  नहीं  सोचा , गजब ‘ !

[7]

‘यदि  माँ  घर  में  है  तो  घर  है   अन्यथा   बेघर  ‘,
‘काश ! हम  यह बात  समझ पाते ,’घर-बेघर  नहीं  रहते ‘|

[8]

‘मुंह  से  निकले  ‘मालिक  शुक्र  है  तेरा’,
‘समझो  झोली  भर  गयी  तेरी’,
‘ये  शब्द  संतुष्टि  के  प्रतीक  हैं’ ,
‘समझ  लो  प्रभु  मेहरबान  है  तुझ  पर’|

[9]

‘सुख  में  बिठाइयाँ  बांटी  और   दुःख   में   दवाइयाँ  खाने  लगे ‘,
‘सुख में  प्रभु का शुकराना  अदा करते’,’दुःख में  अरदास लगाते  तो अच्छा था’|

[10]

‘अरे  मानव  !  तेरी  सोच  का  दीवाला  निकल  गया  शायद’,
‘प्रभू  का  सिमरन  किया  नहीं’, ‘बुराइयों  में  जीवन  बिता  दिया ‘|

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