[1]
‘जब जब सफलता की कहानी सुनाई जाएगी ,
‘रोंगटों में रवानी दौड़ जाएगी’ ,
‘क्यों न हम भी कुछ ऐसा करें’ ,
‘याद करते रह जाएँ सभी “|
[2]
‘मैं इतना समझदार नहीं’,
‘जो किसी को सलाह दे पाऊँ ‘,
‘मैंने भी गल्तियाँ की हैं’ ,
‘बहुत दर्द झेले हैं ‘|
[3]
‘एक गुब्बारा पा कर खुश’,’ दूसरा बेच कर खुश’,’तीसरा फोड़ कर खुश ‘,
‘तीनों की मनस्थिति विभिन्न थी’ ,’तीनों प्रसन्न थे’ ,’क्या कहें इसको ‘?
[4]’शब्दों से इतिहास भरा पड़ा है’ ,
‘झाँकता भी नहीं कोई ‘,
‘लिखे शब्द अगर मन खुश करें’ ,
‘तो उनका अर्थ है ‘|
[5]
‘तर्क – संगत झूठ के बलबूते अगर बूंद मोती बन जाए तो क्या बुराई है,
‘अश्वत्थामा हतो’ कह कर कृष्ण ने कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया था “|
[6]
‘सच और झूठ’ का संबंध ‘प्रकाश और अंधकार’ की तरह है ‘,
‘प्रकाश होने पर अंधकार ‘ व’अंधकार होने पर प्रकाश ‘नदारत ‘|
[7]
‘जो सोचते हैं , बोलते है ,वह करते नहीं,
‘यही दंश सबको डसे जा रहा है’,
‘हम जंगली जड़ी-बूटी सरीखे हैं,
‘उगे तो हैं पर किसी काम के नही’ |
[8]
‘किसी पर भार मत बनो’ ,
‘स्रजनात्मक रहने में भलाई है’,
‘जब सूखे पत्तों को पेड़ झाड देता है’,
‘अपने भी गिरा देंगे हुज़ूर ‘|
[9]
‘जिंदगी से शिकायतें बहुत थी’ ,
‘कसमसा कर जी रहे थे हम ‘,
‘कोई जाँबाज़ नहीं मिला’ ,
‘खुद हिम्मत दिखाई तो आगे बढ़ा ‘|
[10]
‘बेटा अक्सर सिर्फ बेटा है,
‘हर हक जमाने के लिए’,
‘बूढ़े माँ-बाप की अच्छी बहू ही
सर्वोत्तम सहारा है ‘|