[1]
सीख —
‘क्या आप कठिन स्थितियों में अपने आप पर काबू रख पाते हैं ‘,
‘घर या ऑफिस में ज्यादा काम होने पर बार-बार झल्लाते रहते हैं ‘,
‘ट्रैफिक जाम में फँसने पर आप गुस्से से बेकाबू हो जाते हैं ‘,
‘बैंक में लंबी लाइन देख कर बहाना करके बीच में घुसते हैं ‘,
‘इन आदतों का निश्चित आपके बच्चों पर भी असर पड़ता है ‘,
‘जैसा आप व्यवहार करते हैं , अक्सर बच्चे वही सीख जाते हैं ‘,
‘बच्चों को बताएं -सब्र न करने पर फल कडुआ ही निकलता है ‘,
‘खुद पर काबू न रख पाना , जीवन में उलझनें बढ़ा सकता है ‘|
[2]
‘घटिया जीवन-रक्षक दवाई हो या ‘घटिया घर का जवाईं हो ‘,
‘यह गांठ बांध लो दोनों अगर रियक्सन कर जाएँ तो बड़ी तबाही है ‘|
[3]
‘तू नफ़रतों के बीज बोता रहा सारी उम्र अबतक’ ,
‘बदले में नफरत के शिवाय क्या मिला तुझको’ ,
इस नशे को उतार फैकों ,रंजिशों के जमाने नहीं’ ,
‘इंसान बन कर रहो , प्यार के बिरवे को सींचो’ |
[4]
मित्रों !
“सदा सुख की नींद सोने वाला व्यक्ति संसार का सबसे धनी व्यक्ति होता है |
सदा मुस्कराते रहो और दूसरों को भी मुस्कराने का अवसर दिलाते रहो ” |
[5]
‘जब बाढ़ आती है तो मछली- चीटियों को खा जाती हैं ‘,
‘और जब सूखा पड़ता है ,चीटियां-मछलियों को खाती है ‘,
‘अक्सर नांव पानी पर तैरती हैं,पर उलट होते भी देखा है ‘,
‘जिंदगी की उलट/पलट से घबरा गए तो मर गए समझो ‘|
[6]
‘रोग, शोक ,कष्ट ,कलह ,निराशा ,भय ,उत्माद , मनुष्य के शत्रु हैं ‘,
‘धर्म’ और ‘धर्म-रथ पर सवार हो कर ही’,’इन पर विजयी हो सकते हो ‘|
[7]
‘झुकना सीखो मगर उतना कि उठते समय सहारे जी जरूरत न पड़े ‘,
‘अगर कहीं गिर गए तो उठाने वाले नहीं मिल पाएंगे तुझको ‘|
[8]
‘जो रिस्ता तुझे नीचा दिखाने में ही’
‘अपनी शान समझता हो ‘,
वो रिस्तों की गरिमा नहीं पहचानता’ ,
‘उसे भूल जाना ही उत्तम है ‘|
[9]
माँ के पास बच्चों की खुशहाली की दुआ के अलावा कुछ नहीं मिलता’ ,
‘माँ के सपने पूरे होने की दुआ मांगना ‘ ‘ ऊंचाइयों पर बैठा देगा तुझे ”|
[10]
‘आज घर-घर में रोज़ नए-नए रावण पैदा होते जा रहे हैं ‘,
‘कलियुग की जहरीली हवा दिन-रात सबको खाये जा रही हैं ‘,
‘दिलों के अहसास बदल गए , जीने के अंदाज़ बदल गए ‘,
‘अब इंसानियत की भाषा ढूँढने पर भी मिलती नहीं कहीं ‘|