Home ज़रा सोचो ‘किसी की भी प्रशंसा कर’ , ‘दिल खोल कर दिखा दे उसको’

‘किसी की भी प्रशंसा कर’ , ‘दिल खोल कर दिखा दे उसको’

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‘किसी की भी प्रशंसा कर’ , ‘दिल खोल कर दिखा दे उसको’ ,
‘पर अपमान ‘– ‘वो झेल तो जाएगा’ , ‘गांठ बांध कर रक्खेगा’ ,
‘प्रतिशोध की ज्वाला’ ‘जब भी भड़केगी’ , ‘मुखर हो जाएगी ‘ ,
‘अगला – पिछला सब हिसाब कर लेगा’ , ‘पसीना छुड़ा देगा तेरा’ |

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