“जब लोग जान -बूझ कर आर्थिक अपराध करते हैं ” ,
“देश में इसके लिए ” ,” प्रथक दंडात्मक व्यवस्था ” है ,
“पर कानून धूल फाँकता है “, “सब कुछ बिकाऊ है यहाँ “,
“हाथ-पैर तोड़ने जैसी सख्त व्यवस्था की” “देश को जरूरत है” |
“जब लोग जान -बूझ कर आर्थिक अपराध करते हैं ” ,
“देश में इसके लिए ” ,” प्रथक दंडात्मक व्यवस्था ” है ,
“पर कानून धूल फाँकता है “, “सब कुछ बिकाऊ है यहाँ “,
“हाथ-पैर तोड़ने जैसी सख्त व्यवस्था की” “देश को जरूरत है” |
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