[1]
‘सब कुछ होते हुए भी जो माँ-बाप को
व्रद्ध-आश्रम भेज देते हैं ,’
‘सूतक’ लग गया समझो’ ,
‘वो शुभकर्म करने लायक नहीं रहते ‘|
[2]
‘पास हो कर भी भावना नहीं समझता’ ,
‘तो कोसों दूर है हमसे ,’
‘दूर रह कर भी हमारी कद्र करता है’,
‘दिल में जगह बनाए रखता है’|
[3]
‘बच्चों से कभी मत कहो’ ‘तुम्हारी उम्र में मैं यह करता था या वो करता था ,’
‘तुम तो बस लापरवाह हो’,’अपनी ज़िम्मेदारी को बिल्कुल समझते ही नहीं’ ,
‘इससे बच्चा हीन भावना का शिकार बनता है ‘, ‘ विश्वास घटने लगता है’ ,
‘बच्चे दुःखी हो कर गुस्सा पीते हैं’,’माँ-बाप की इज्जत कम करने लगते हैं ‘|
[4]
‘रिजल्ट कमजोर हो तो यह कहना ‘तुम्हें शर्म नहीं आती , क्या रिजल्ट है ,?
‘बच्चा मानसिक तनाव में आ जाता है’,’ कुंठित हो गलत निर्णय ले लेता है’ ,
‘कठोर शब्दों के प्रयोग का प्रभाव ‘, ‘उनके कोमल ह्रदय पर पड़ता जरूर है’ ,
‘आप सदा ऐसे शब्द बोलें ताकि ‘ ‘ बच्चे स्वम ही सुधरने का प्रयास करें ‘|
[5]
‘रास्ते में जो भी मिले’,’सुह्रदयता से और मुस्करा कर ही मिलें,’
‘कितना भी पापी मिले’,’परिवर्तन की रेखा जरूर खींच जाएगी ‘|
[6]
‘जब याद करने वाला कोई न हो तेरा ,’
‘मरा हुआ समझ खुद को ,’
‘कफन,जनाज़े,शमशान,सब बेकार हैं’ ,
‘सिर्फ दुनियाँ का छलावा है ‘|
[7]
‘कोई साथ दे या न दे’ ‘कोई काम रुकता नहीं कभी’ ,
‘कुछ लोग भ्रम पाल लेते हैं’ ‘मैं ही सबकी जरूरत हूँ’|
[8]
‘अपने आपसे प्यार करो’ , ‘अपने को छमा करो’ ,’ अपने ऊपर रहम करो ,’
‘किसी की सहानुभूति की जरूरत नहीं ‘,’ दया भी अपने ऊपर खुद करो ‘|
[9]
‘हर लफ्ज लाजवाब होता है’,
‘पहले खुद चख लेना चाहिए’,
‘तुम तो कुछ भले की कहो’,
‘वो बुरा मान कर चटक जाए ‘|
[10]
‘जब कोई अपनी हैसियत का गुणगान करे’,’खामोश रहना चाहिए ‘,
‘तुम्हारे बोलते ही गले पड जाएगा ‘,’पीछा छुड़ाना भारी है ‘|