Home कोट्स Motivational Quotes ” कहाँ गए वो प्यारे दिन ? एक मंथन |

” कहाँ गए वो प्यारे दिन ? एक मंथन |

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कहाँ   गए   वो   प्यारे   दिन   जब..
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➨ रात   को   सोने   से   पहले   परिवार  के   सारे   सदस्य   घंटो   बातें   किया   करते   थे   
और   अब   सब   हाथ   में   मोबाइल   लिए   हुए   सो   जाते   हैं.
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➨ लाइट   जाती   थी   तब   पूरा   मोहल्ला   बड़   के   पेड़   के   नीचे   बैठ   कर   एक   दुसरे           
 की   टांग   खीचते   थे  ,
अब   तो   inverters   की   वजह   से   घर   से   ही   नहीं   निकलते..
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➨ चूल्हे   की   आग   पर   डेगची   में   गुड़   वाली   चाह् ( चाय )   की   महक   10  किल्ले   दूर  तक  जाती   थी ,
आज  चाय  गैस   पर   बनती   है   महक   छोडो   स्वाद   का   भी   पता   नहीं   लगता..
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➨ औरतें   घूँघट   काढती   थी   और   लडकियां    चुन्नी   लेती   थी  ,
अब   कवारियां   ढाठा   मार   के   सुल्ताना   डाकू   बन   रही   हैं  और   ब्याही   हुई   सर   भी   नहीं   ढक   रही.
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➨ पहले   पूरे   दिन   हारे   पर   कढोणी   में   दूध   उबलता   था   और   सीपी   से   खुरचन   तार   के   खाते   थे
और   उस   दूध   की   दही   इतनी   स्वाद   बनती   थी,
अब   तो  गए   दूकान   पर   15   का   दही   पाउच   ले   लिया..
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➨ कच्ची   फूस   की   छान   में   पानी   मार   कर   झोपडी   में   सोने   में   बहोत   मज़ा   आता   थी   बिलकुल 
ठंडी   हो   जाती   थी
अब   वैसे   ठंडक   AC   भी   नहीं   दे   रहे..
➨ दारु   बड़े   बूढे   पीते   थे   अब   तो   8वीं   से   ही   पीना   शुरू   कर   देते   हैं..🍺🍺🍺
➨ पहले   ज़मीन   को   माँ   समझा   जाता   था
अब   एक   जमीन   का   टुकड़ा   जिसे   बेच   कर   कोठी   बना   लो   एक   कार   ले   लो   और   रोज   उस   कार           
में   बैठ   कर   दारु   और   मुर्गा   चलने   दो.
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➨पहले   सभी   एक   दूसरे   को   राम राम   बोलते   थे   अब   हेल्लो   हाय
पहले   लड़ाइयां   इज़्ज़त   और   सम्मान   के   लिए   लड़ी   जाती   थी   अब   दारु   पीकर   अपने   आप   हो   जाती   है
गाय   हमारी COW  बन  गयी,
शर्म  हया  अब  WOW  बन  गयी,
काढ़ा   हमारा  CHAI  बन  गया,
छोरा  बेचारा  GUY  बन  गया,
योग   हमारा  YOGA   बन   गया,
घर  का  जोगी   JOGA  बन  गया,
भोजन  100 रु.  PLATE  बन  गया,
..हमारा  भारत  GREAT  बन  गया..
घर की दीवारेँ  WALL   बन  गयी,
दुकाने   SHOPING MALL  बन   गयीँ,
गली  मोहल्ला  WARD  बन  गया,
ऊपरवाला  LORD  बन  गया,
माँ  हमारी  MOM  बन  गयी,
छोरियाँ  ITEM  BOMB  बन  गयीँ ,
तुलसी  की  जगह  मनी  प्लांट  ने  ले  ली..!
चाची  की  जगह  आंटी  ने  ले  ली..!
पिता  जी  डेड  हो  गये..!  भाई  तो  अब  ब्रो  हो  गये..!
बेचारी  बहन  भी  अब  सिस  हो  गयी..!
दादी  की  लोरी  तो  अब  टांय  टांय  फिस्स  हो  गयी..!
टी वी  के  सास  बहू  में  भी  अब  साँप  नेवले  का  रिश्ता  है..!
पता  नहीं  एकता  कपूर  औरत  है  या  फरिश्ता  है..!!!
जीती  जागती  माँ  बच्चों  के  लिए  ममी  हो  गयी..!
रोटी  अब  अच्छी कैसे  लगे  मैग्गी  जो  यम्मी  हो  गयी..!
गाय  का  आशियाना  अब  शहरों  की  सड़कों  पर  बचा  है..!
विदेशी  कुत्तों  ने  लोगों  के  कंधों  पर  बैठकर  इतिहास  रचा  है..! बहुत  दुखी  हूँ  ये  सब  देखकर
दिल  टूट  रहा  है..! हमारे  द्वारा  ही  हमारी  भारतीय  सभ्यता  का  साथ  छूट  रहा  है…..
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