Home कविताएं देशभक्ति कविता ‘कंधे से कंधा मिला कर चलने की ज़रूरत है “|

‘कंधे से कंधा मिला कर चलने की ज़रूरत है “|

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“एक  सपूत” -” देश  को  सही  राह  पर  ले  जाता   दिखाई  देता  है “,
‘सभी अपना उसको सहयोग दो’,’बस बाजुओं की ताकत बनो उसकी’ ,
‘जिन उलझनों से देश झुलसा जा रहा है’,’उस तपस का अहसास करो’ ,
‘कंधे  से  कंधा   मिला   कर’  ‘ सही  दिशा  मे  चलने  की  जरूरत  है’ |

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