[1]
हे माँ भगवती !
“सभी को अपने जीवन की कद्र करनी आ जाए’ ,
‘ सभी सुंदर भावों से युक्त जीवन जीने लगें ‘,
‘सबमें मानवता उभारने की लगन लगने लगे ‘,
‘सुखद वातावरण स्थापित कर उत्साह से जीने लगें ‘|
[2]
‘गुणी’ सदा सबको देता है ‘,
‘लेने का प्रयास नहीं करता ,
‘कपटी’ प्राणी देने से पहले ,
‘पाने की उम्मीद भाँप लता है ‘|
[3]
‘सामान्य जीवन और शांत मस्तिष्क’
‘सबसे अच्छे मित्र हैं ‘,
‘जिसने ईन्हें अपना लिया ‘,
‘समस्या का सामना करना नही पडा’
[4]
‘कहते हो आज नहीं कल हंस लूँगा’ ,
‘सिर्फ दर्द हाथ आएगा ‘,
‘जीवन तो आज है कल किसने देखा है’ ,
‘ज्रमूरे आज में ‘जी’ ले ‘|
[5]
‘जो भाग्य में लिखा है वही होगा ‘,
‘अब मुहावरा उचित नहीं लगता ‘,
‘सत्कर्मी और जुझारू बनने से’ ,
‘भाग्य स्वम बनते देखा है ‘|
[6]
“जय माँ “
”सांसारिक मोहमाया में जकड़ गया हूँ , ‘रास्ता दिखता ही नहीं ‘,
मेरी माँ ! तेरा दर हो मेरा सिर हो,’ बस इतनी तमन्ना है ‘|
[7]
‘अगर तुम बिखर गए तो ‘ ‘लोग नोच-नोच कर खा जाएंगे तुझे ‘,
‘देखते तो हो’ ‘लोग टूटी इमारत की ,
‘हर चीज लूट लेते हैं ‘|
[8]
‘अगर किसी से झगड़ा हो जाए तो भी’
‘वार्ता के द्वार खुले रक्खो ‘,
‘देर-सवेर समझौता हो जाएगा’ ,
‘प्यार की बयार में देर नहीं लगती ‘|
[9]
‘सफल होने के लिए बनावटी जीवन त्यागना जरूरी है ‘,
‘अपनी शक्ति पर विश्वास और अपनी आकांक्षाओं को ऊंचा रख ‘|
[10]
‘असत्य हमेशा सत्य से हारा गया ,
‘पाप हमेशा पुण्य से मारा गया ,
‘बेवक्त भी तो वक्त के हाथों पिटा ,
‘बेकाम भी तो काम से मारा गया ‘|