एलोवेरा के फायदे तथा 28 बेहतरीन औषधीय गुण :-
ग्वारपाठा को अंग्रेजी में एलोवेरा के नाम से जाना जाता है । इसकी उत्पति अरबी भाषा के ऐलोह ( Alloeh ) शब्द से हुई है , जिसका अर्थ है —“ Shining Bitter Substance ” ( चमकीला कसैला पदार्थ ) । कॉस्मेटिक के लिये इसका प्रयोग किसी -न -किसी रूप में बहुत पहले से ही होता रहा है । इसका इतिहास आज से लगभग 5000 साल पुराना है । मिस्र , ग्रीस , रोम , भारत एवं चीन देशों की पुरानी सांस्कृतिक सभ्यताओं में इसका प्रयोग काफी बड़े पैमाने पर मिलता है । आधुनिक जगत में इसका प्रयोग सौन्दर्य प्रसाधनों , मरहम , जूस , दवाइयों आदि में किया जा रहा है ।
यह अत्यन्त महत्वपूर्ण और उपयोगी पौधा है ।
एलोवेरा संस्कृत में धृतकुमारी , घीकॅवार नामों से पहचानी जाने वाली वनस्पति है । यह खारी , रेतीली , जमीन या नदी तट के आसपास पैदा होती है । जड़ के ऊपर से ही चारों ओर इसके पत्ते मोटे , गूदेदार , चिकने , प्राय: दो फुट लम्बे और चार इंच तक चौड़े होते हैं । इसके पत्तो के दोनों ओर काँटे होते हैं । पत्तों को छीलने पर इनके अंदर घी के समान गूदा ( जेल ) निकलता है । इसके रस को सुखा कर एक पदार्थ बनाया जाता है जिसे मुसब्बर कहते हैं । इसे संस्कृत में कुमारी सार , हिन्दी में एलुबा यह पारदर्शी कुछ सुनहरी और भूरे रंग का होता है ।
एलोवेरा के बेहतरीन औषधीय गुण :-
( Sinusitis ) – जुकाम लगने से आँखों की भौंहों पर दर्द होना प्रदाह का लक्षण है । विवर-प्रदाह होने पर दो सप्ताह तक लहसुन और शहद अच्छी मात्रा में खायें , फिर धीरे-धीरे इनका सेवन कम करते जायें । माथे और नाक नथुनों के दोनों ओर एलोवेरा के रस को गर्म करके लगायें । नाक में रोजाना तीन बार ग्वारपाठे का रस ( Extract ) निचौड़ कर लगायें । पानी का भगोना भर कर उसमें थोड़ा – सा एलोवेरा के रस और युक्लिप्टस लोशन डाल कर गर्म करें और उसकी भाप को नाक से अन्दर खींचें । इससे साइनोसाइटिस में लाभ होगा ।
मुँहासे (Acne)- चेहरा धो कर ग्वारपाठे का रस मलें । फिर एक घंटे बाद धोयें । त्वचा रूखी होने पर नारियल के तेल में एलोवेरा के रस को मिला कर लगायें । ऐलोवेरा क्रीम भी लगा सकते हैं ।
एलर्जिक त्वचा प्रदाह (Allergie Dermatitis)- एलोवेरा का रस लगायें।
दांतों के रोग मसूड़ों में दर्द सूजन – (Gingivitis) , पायोरिया में एलोवेरा के रस या पेस्ट से मंजन करें ।
एलोवेरा के गूदे , रस से चेहरा रगड़ कर साफ करने से चेहरा कोमल, लचीला और आकर्षक हो जाता है । एलोवेरा के पोषक तत्व मृत कोशों को हटा कर नये कोश पैदा कर देते हैं । इस प्रकार त्वचा सुन्दर बन जाती है ।
खाँसी – आधा चम्मच गर्म घी में दो चम्मच एलोवेरा का गूदा मिलाकर भूनकर शहद के साथ दिन में तीन बार खाएँ । तीन-चार दिन में ही खाँसी , जुकाम से राहत मिल जाएगी ।
फोड़ा पकने के निकट हो तो एलोवेरा के गूदे को गर्म करके बाँधने से फोड़े की मवाद निकल कर , घाव जल्दी भर जाता है ।
गाँठों की सूजन पर भी एलोवेरा के पत्ते को एक ओर से छील कर तथा उस पर थोड़ा हल्दी पाउडर बुरक कर तथा कुछ गरम करके बाँधने से लाभ होता है ।