एलोरा की गुफाओं से संबन्धित दस रोचकतथ्य:
एलोरा की गुफा |
- स्थानीय स्तर पर एलोरा की गुफाओं को ‘वेरुल लेणी’ के नाम से जानाजाता है|
- यह सम्पूर्ण विश्व में चट्टान को काट कर बनाए गए सबसे बड़े मठ–मंदिरपरिसरों में से एक है।
- एलोरा की गुफाएँ भारत के शैल–कृत्य स्थापत्य (Rock-Cut Architecture) का अद्भुत नमूना हैं|
- एलोरा, विश्व में सबसे बड़े एकल एकाश्म उत्खनन ( Largest Single Monolithic Excavation), विशाल कैलाश (गुफा 16) के लिए विख्यातहै|
- अजंता की गुफाओं से भिन्न, एलोरा की गुफाओं की विशेषता यह है किव्यापार मार्ग के अत्यंत निकट स्थित होने के कारण इनकी कभी भी उपेक्षानहीं हुई।
- 19वीं सदी के दौरान इन गुफाओं पर इंदौर के होल्करों का नियंत्रण हो गयाथा, जिन्होनें पूजा के अधिकार के लिए इनकी नीलामी की तथा धार्मिक औरप्रवेश शुल्क के लिए इमहें पट्टे पर दे दिया। होल्करों के बाद इनका नियंत्रणहैदराबाद के निजाम को अंतरित कर दिया गया, जिसने भारतीय पुरातत्वसर्वेक्षण के मार्गदर्शन में अपने विभाग के माध्यम से गुफाओं की व्यापकमरम्मत एवं रखरखाव करवाया गया।
- एक बड़े पठार की कगार में इन गुफाओं का उत्खनन किया गया है, जोउत्तर–पश्चिम दिशा में लगभग 2 किलोमीटर तक फैला हुआ है। कगार अर्ध–वृत्ताकार रूप में होने से, दक्षिण में दाएं वृत्तांश पर बौद्ध धर्म समूह, जबकिउत्तर में बाएं वृत्तांश पर जैन धर्म समूह एवं केंद्र में हिन्दू धर्म समूह कीगुफाएँ हैं।
- दशावतार गुफा (गुफा संख्या 15) में भगवान विष्णु के दस अवतारों कोदर्शाया गया है|
- ये गुफाएं महाराष्ट्र की ज्वालामुखीय बसाल्टी संरचनाओं को काट करबनाई गई हैं, जिन्हें ‘दक्कन ट्रेप’ कहा जाता है।
- यहाँ स्थित सबसे प्रसिद्ध बौद्ध गुफा ‘विश्वकर्मा गुफा’ (गुफा संख्या 10)है, जोकि एक चैत्यगृह है|