
‘इन आँखों से’ ‘सपनों’ को ‘टूटने का दर्द’ ‘ देखा है’ ,
‘कल्पनाओं’ का ‘सैलाब’ ‘उमड़ता ‘ देखा,’विवसता’ भी डेखी ,
‘प्यार का समन्दर’ ‘आँखों मे’ ‘ठठोली ‘ करता भी देखा ,
‘तिलतिल ढलता’ ‘उम्र का सैलाब’ भी ‘देखा’, ‘और क्या देखें’ ?
‘इन आँखों से’ ‘सपनों’ को ‘टूटने का दर्द’ ‘ देखा है’ ,
‘कल्पनाओं’ का ‘सैलाब’ ‘उमड़ता ‘ देखा,’विवसता’ भी डेखी ,
‘प्यार का समन्दर’ ‘आँखों मे’ ‘ठठोली ‘ करता भी देखा ,
‘तिलतिल ढलता’ ‘उम्र का सैलाब’ भी ‘देखा’, ‘और क्या देखें’ ?
‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…
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